फाल्गुन मास की शुक्ल पक्ष की अष्टमी से होलाष्टक शुरू होकर फाल्गुन मास की पूर्णिमा तक होता है. होलाष्टक इस बार 14 मार्च गुरुवार से शुरू हुआ जो कि पूर्णिमा तक चलेगा. इस बीच किसी भी तरह का शुभ कार्य नहीं किया जाता है. ये मान्यता लंबे समय से ही चली आ रही हैं कि इन 8 दिनों में नवग्रहों की स्थिति अच्छी नहीं होती है और उनमें शुभ कार्य करना अच्छा नहीं माना जाता है। कहा जाता है इन दिनों में नकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है इसी वजह से कोई भी मांगलिक कार्य नहीं करने चाहिए। नीचे दी गई सूची में से कोई भी कार्य नहीं करने चाहिए।
1) होलाष्टक के दौरान किसी भी तरह के नए वाहन, गाड़ी, स्कूटर व बाइक खरीदने से परहेज करें।
2) इन 8 दिनों में कोई भी नए कपड़े या जेवरात की खरीदारी न करें। ऐसा करना बेहद अशुभ माना जाता है। मान्यता तो ये भी है कि ऐसा करने से उनके चोरी होने की संभावना होती है।
3) होलाष्टक के दौरान किसी भी तरह का व्यापार की शुरुआत न करें।
4) होलाष्टक के 8 दिनों में नए घर का निर्माण, बच्चे का शुभ कार्य और विवाह जैसे किसी भी कार्यों के आयोजन से परहेज करना चाहिए।
5) संभव हो तो इस बीच ग्रह प्रवेश, दूसरी किसी भी तरह की शुभ पूजा आदि का भी आयोजन नहीं करना चाहिए।