नारद पुराण में होली, कैसे करें पर्व की तैयारी

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होली पर्व की प्राचीनता का अनुमान लगाना भी मुश्किल है। संपूर्ण भारतवर्ष में यह त्यौहार हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है लेकिन ब्रज और मथुरा जैसे क्षेत्रों में इसकी छटा अनुपम होती है। होली के दिन पूजा करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। होली इस बार 21 मार्च 2019 को रंगवाली होली खेली जाएगी।


पूजा विधि

नारद पुराण के अनुसार होलिका दहन के अगले दिन (रंग वाली होली के दिन) प्रात: काल उठकर आवश्यक नित्यक्रिया से निवृत्त होकर पितरों और देवताओं के लिए तर्पण-पूजन करना चाहिए। साथ ही सभी दोषों की शांति के लिए होलिका की विभूति की वंदना कर उसे अपने शरीर में लगाना चाहिए। घर के आंगन को गोबर से लीपकर उसमें एक चौकोर मण्डल बनाना चाहिए और उसे रंगीन अक्षतों से अलंकृत कर उसमें पूजा-अर्चना करनी चाहिए। ऐसा करने से आयु की वृद्धि, आरोग्य और यश की प्राप्ति होती है।



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