राम से बड़ा नाम, उनके मंत्रों से होगी हर इच्छा पूरी

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रामायण से सीखें कि किनसे कैसा व्यवहार उचित
रामायण से सीखें कि किनसे कैसा व्यवहार उचित।

Importance of ram naam : राम से बड़ा नाम, यह बात कई संतों ने कही है। सेतु बंधन के समय उनके नाम की महिमा से सब परिचित हैं। उनके नाम वाले पत्थर पानी में तैरते हुए पुल बन गए। इसी तरह उनके मंत्र भी अत्यंत फलदायी हैं। भगवान राम भक्तों के मनोरथ पूरे करते हैं। आवश्यकता है श्रद्धा और विश्वास के साथ उपासना की। नीचे दस प्रमुख फलदायी मंत्र दे रहा हूं।

सर्वार्थ सिद्धि के लिए मंत्र

मंत्र-राम

विधि : कभी भी जप कर सकते हैं। शुचि-अशुचि भी देखने की जरूरत नहीं। इसे तारक मंत्र कहा गया है। इससे दुख और बाधा से मुक्ति मिलती है। मोक्ष तक की प्राप्ति की जा सकती है।

मंत्र-रां रामाय नमः

विधि : बिना शुचि-अशुचि विचार किए जप कर सकतें हैं।

मंत्र-ऊं आपदामप हर्तारम दातारं सर्व संपदाम, लोकाभिरामं श्रीरामं भूयो भूयो नमाम्यहम।

श्रीरामाय रामभद्राय रामचंद्राय वेधसे रघुनाथाय नाथाय सीताया पतये नमः।।

विधि : इसमें स्वच्छता जरूरी है। स्थान और आसन में एकरूपता हो। समय भी निश्चित हो।पहले संकल्प लेकर मंत्र जप करें। निश्चय ही मनोवांछित फल मिलेगा।

संकट निवारण मंत्र

लोकाभिरामं रणरंगधीरं राजीवनेत्रं रघुवंशनाथम्,

कारुण्यरूपं करुणाकरं तं श्रीरामचंद्रं शरणं प्रपद्ये।

आपदामपहर्तारं दातारं सर्वसंपदाम्,

लोकाभिरामं श्रीरामं भूयो भूयो नमाम्यहम्।।

विधि : इसमें भी शुद्धता आवश्यक है। समय और नियम का ध्यान रखें। आसन और स्थान तय कर जप करें। हर संकट और समस्याओं से मुक्ति मिलेगी। राम से बड़ा नाम यूं नहीं कहा गया है। उनके नाम से बड़े से बड़े काम चुटकियों में हो जात है। 

शत्रु शमण मंत्र

ऊं रामाय धनुष्पाणये स्वाहाः

विधि : उपरोक्त मंत्र को ही लें। प्रतिदिन नियत समय पर जप करें। तन और मन की शुद्धता का ध्यान रखें। आसन व स्थान भी समान हो। इससे शत्रुओं के प्रकोप से मुक्ति मिलेगी।

क्लेश दूर कर सुख-संपत्तिदायक मंत्र

हे रामा पुरुषोत्तमा नरहरे नारायणा केशव,

गोविंदा गरुड़ध्वजा गुणनिधे दामोदरा माधव।।

हे कृष्ण कमलापते यदुपते सीतापते श्रीपते,

श्रीवैकुंठाधिपते चराचरपते लक्ष्मीपते पाहिमाम्।।

विधि : तन-मन की शुद्धता का ध्यान रखें। प्रतिदिन नियत एक ही समय व स्थान पर जप करें। आसान भी वही हो। इससे धीरे-धीरे क्लेश दूर होगा। सुख, संपत्ति एवं ऐश्वर्य की प्राप्ति होगी।

श्रीराम गायत्री से संकट नाश व ऋद्धि-सिद्धि की प्राप्ति

ऊं दशरथाय नमः विद्महे सीतावल्लभाये धीमहि तन्ना रामः प्रचेदयात।

विधि : रोज नियत समय पर नियमपूर्वक जप करें। शुद्धता, निश्चित आसान व स्थान का ध्यान रखें। जप करने वालों के संकट दूर होते हैं। उन्हें ऋद्धि सिद्धि की प्राप्ति होती है। इसी कारण कहा गया है कि राम से बड़ा नाम।

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