Naagdweep In Puran : क्या पुराणों में वर्णित नागद्वीप सिर्फ कल्पना नहीं है? क्योंकि ब्राजील में ऐसा एक द्वीप है। वहां सांपों का राज चलता है। द्वीप पर जाने वाले मनुष्य का जिंदा लौटना कठिन है। उसे लोग स्नेक आइलैंड के नाम से जानते हैं। दूर से देखने में द्वीप मनमोहक है। वहां एक से एक जहरीले सांप हैं। इसलिए यह दुनिया की दूसरी सबसे खतरनाक जगह है।
नागद्वीप को लेकर विद्वानों में संशय
पुराणों में वर्णित नागद्वीप को लेकर विद्वान संशय में है। मुस्लिम और पाश्चात्य संस्कृति ने हिंदू संस्कृति को नुकसान पहुंचाया। कई लोग वेद, पुराण, रामायण और गीता को सिर्फ पुस्तक मानने लगे। वे इसमें वर्णित जानकारी को कल्पना कहने लगे। ऐसे लोगों के लिए यह द्वीप उदाहरण है। पुराणों की ही बात को देखें। फिर वैज्ञानिक शोध देखें।
पहले एक था धरती का सारा भू-भाग
शोध के अनुसार पृथ्वी के सभी इलाके पहले एक थे।
तब संयुक्त महाद्वीप पैंजिया कहलाता था। प्राचीन भारत की अवधारणा वही है। वसुधैव कुटुंबकम इसी बात का परिचायक है। मत्यपुराण के अनुसार भी भारत के नौ भाग थे। उनके नाम इंद्रद्वीप, ताम्रपर्णी, नागद्वीप, सौम्य, गंधर्व, वारुण, कसेरू सागर और गभस्तिमान थे।
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पुराणों में वर्णित नागद्वीप को लेकर विद्वानों में मतभेद है। कुछ इसे श्रीलंका के पास मानते हैं। दूसरा वर्ग बंगाल की खाड़ी में कहता है। स्नेक आइलैंड से स्थिति साफ हो गई है। वह स्थान वर्तमान में ब्राजील है। पहले धरती मिली हुई थी। इसलिए भारत के नौ भागों में उसका जिक्र है।
चारों ओर सांप ही सांप
साओ पाओलो तट से 32 किलोमीटर दूर समुद्र में है यह द्वीप। इसमें लाखों सांप रहते हैं। वे चट्टानों, पेड़ों, झाड़ियों व जमीन पर फैले हैं। कई बेहद खतरनाक हैं। इनमें वाइपर प्रजाति के उड़ने वाले सांप भी हैं। ये डस ले तो मांस तक गला देता है। इस द्वीप पर लोगों का जाना प्रतिबंधित है। सरकारी अनुमति से शोध के लिए ही जा सकते हैं। फिलहाल इन पर शोध चल रहा है।
पहले मध्य भाग में रहते थे सांप
पहले सांप द्वीप के मध्य भाग में ही रहते थे। तब किनारे में लोगों की आवाजाही थी। बाद में सांपों की बढ़ती संख्या से स्थिति गंभीर हो गई। अब पूरे द्वीप पर उन्हीं का राज है। वे इंसानों पर हमला करते हैं। शोध करने वाले भी सिर्फ तट पर ही काम करते हैं। वे कम समय तक ही रहते हैं।
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