kankali sadhna a path to resolve financial crisis : अत्यंत उपयोगी कंकाली साधना है। आर्थिक उत्थान में बेहद कारगर है। साथ ही इससे हर मनोकामना पूरी होती है। यह देवी शीघ्र प्रसन्न होने वाली हैं। जल्दी ही भक्तों को सिद्धि देती हैं। उनकी आर्थिक स्थिति सुधार देती हैं। उनके पूजन में कोई झंझट भी नहीं है। समय भी कम लगता है। माता भक्तों की हर मनोकामना पूरी करती हैं। आर्थिक संकट के हल में भी प्रभावी हैं।
काली का विकराल रूप हैं कंकाली
यह माता काली का ही विकराल रूप हैं। मथुरा में इनके नाम पर एक टीला है। कंस उनकी पूजा करता था। उनके उपासक संपन्न और प्रभावशाली होते हैं। इनके बारे में लोगों की जानकारी कम है। इसलिए इनके मंदिर भी कम हैं। अन्यों देवियों की तुलना में उपासक भी कम हैं। जो हैं वे इनके प्रभाव को जानते हैं। नीचे कुछ प्रमुख मंत्र नीचे दे रहा हूं। साथ में प्रयोग विधि भी है। यह अत्यंत उपयोगी कंकाली साधना शीघ्र फलदायी है।
आर्थिक संकट से मुक्ति के लिए मंत्र
काली कंकाली केलि कलाभ्यां स्वाहा
जप विधि
इसमें दस हजार मंत्र का रोज जप करें। इसके साथ ही दशांश हवन करें। सूखी मछली से हवन सबसे अच्छा होता है। न मिले तो त्रिमधु, मधु, चीनी व घी से करें। 21 दिन में फल की प्राप्ति होती है। यह आर्थिक समस्या के हल में यह अचूक है। हालांकि अन्य मनोकामना भी पूरी हो सकती है। सादना का कोई नियम व तरीका निर्धारित नहीं। अर्थात- शुद्धि-अशुद्धि, न्यासादि की भी जरूरत नहीं है। देवी के प्रति अटूट भक्ति और विश्वास जरूर हो। तभी इसका फल मिलता है।
सर्व मनोकामना के लिए मंत्र
मां की उपासना से सभी मनोकामना पूरी होती है। इस अत्यंत उपयोगी कंकाली साधना के लिए निम्न मंत्र हैं। इसके साथ ही उनकी प्रयोग विधि भी दे रहा हूं।
द्वादशाक्षर मंत्र
ऊं काली कंकाली किल किले स्वाहा
त्रयोदशाक्षर मंत्र
ऊं ह्रीं काली कंकाली किल किल स्वाहा
चतुर्दशाक्षर मंत्र
ऊं काली महाकाली केलिकलाभ्यां स्वाहा
या
ऊं ह्रीं काली कंकाली किल किल फट स्वाहा
पंचादशाक्षर मंत्र
क्लीं कालि कालि महाकालि कोले किन्या स्वाहा
या
ऊं कां काली महाकाली केलिकलाभ्यां स्वाहा
अत्यंत उपयोगी कंकाली साधना की जप विधि
अत्यंत उपयोगी कंकाली साधना के लिए मंत्र जप की संख्या दस हजार है। दशांश हवन करने से प्रक्रिया पूरी होती है। उड्डामहेश्वर तंत्र एवं काली कल्पतरु में स्पष्ट लिखा है। दोनों के अनुसार दिन में दस हजार जप करें। शाम को दसवें हिस्से से हवन करें। हवन की संख्या कम भी हो सकती है।
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