मति बदली तो जीवन बदला, अहंकार का हुआ अंत
end of ego change of life : मति बदली तो जीवन बदला। यह बोध कथा है अहंकार के अंत की। अहंकार किसी का नहीं...
बोधकथा :शाश्वत आत्मा और नश्वर शरीर के बीच का भेद
लोग अक्सर आत्मा और शरीर के भेद को नहीं समझ पाते हैं। उन्हें दोनों एक ही लगता है। यह सही है कि सामान्य नजरिए...
जीवन सत्य: हमारी सोच का प्रतिबिंब है हमारी स्थिति
एक बार एक संत अपने शिष्यों के साथ नदी में स्नान कर रहे थे। तभी एक राहगीर वहां से गुजरा। महात्मा को नदी में...
तत्व चिंतनः जीवन हवन कुंड है और कर्म आहूति
अधिकतर लोग हर पल तमाम आशंकाओं को ओढ़े डरे-डरे से जीवन गुजारते हैं और अंत में पछताते हैं कि हाय, ये क्या किया? कर्म...
अति सर्वत्र वर्जयेत…अंतहीन जीवन मिल जाए तो फिर मौत मांगते नजर आएंगे
भारतीय धर्म-संस्कृति में यह वाक्य काफी चर्चित है कि अति सर्वत्र वर्जयेत। यही सच भी है कि किसी भी चीज की अति अच्छी नहीं...
लोभ और मोह हैं समस्याओं के कारण
मनुष्य स्वयं अपना दुश्मन बन जाता है। ईश्वर ने उसे अपार सुख, शांति और वास्तविक उत्थान का भरपूर अवसर प्रदान किया है लेकिन वह...
दान की महिमा (बोध कथा)
भारतीय सभ्यता संस्कृति में दान देने की सर्वाधिक महत्ता बताई गई है। यदि दानदाता अपनी पहचान गुप्त रखे तो उसका महत्व और बढ़ जाता...