अशुभ ग्रहों से परेशान न हों, ऐसे करें उपाय

521
अब नए कलेवर और नए रूप से हों रूबरू।
अब नए कलेवर और नए रूप से हों रूबरू।

Do not worry by inauspicious planets, this is the solution : अशुभ ग्रहों से परेशान न हों, ऐसे करें उपाय। प्रतिकूल ग्रहों को अनुकूल बनाने के क्रम में यह अगली कड़ी है। इसमें आप खुद लक्ष्णों के आधार पर प्रतिकूल ग्रहों की जानकारी हासिल कर सकते हैं। फिर उस आधार पर उन्हें शांत करने के उपाय कर सकते हैं।

इस तरह करें मंगल को अनुकूल

अशुभ ग्रहों से परेशान न हों। यदि जन्मकुंडली में मंगल प्रतिकूल स्थान पर हैं तो वह व्यक्ति कम उम्र में ही वात रोग और गठिया से पीड़ित हो जाता है। उसे रक्त की कमी या उससे संबंधित कोई बीमारी होती है। उसका स्वभाव क्रोध वाला होता है। छोटी-छोटी बातों पर आपा ने लगता है। उसके घर-परिवार में बच्चे का जन्म होने के बाद ही मौत हो जाती है। ऐसा जातक बार-बार चोटिल होता रहता है। यदि ये लक्ष्ण हैं तो परेशान होने की जरूरत नहीं है। खुद ही मंगल को शांत करने का उपाय करें।

उपाय : तंदूर की मीठी रोटी दान करें। बहते पानी में रेवड़ी और बताशा बहाएं। मसूर की दाल को दान करें और मटके में शहद भर कर घर में ऊंचे स्थान पर रखें।

नौकरी-व्यवसाय में हो धोखा तो बुध को करें शांत

अगर नौकरी और व्यवसाय में बार-बार धोखा हो रहा है। दांत कमजोर हों या उससे संबंधी कोई और समस्या हो जाए। सूंघने की शक्ति में कमी आ जाए। गुप्त रोग परेशान करने लगें। आपकी वाक क्षमता कमजोर होने लगे और दूसरे आप पर हावी होने लगे। तो समझे कि कुंडली में बुध अशुभ फल दे रहा है।

उपाय : नाक छिदवाएं। तांबे के प्लेट में छेद करके बहते पानी में प्रवाहित करें। अपने भोजन में से एक हिस्सा गाय को, एक हिस्सा कुत्तों को और एक हिस्सा कौवे को दें। कन्याओं को भोजन कराएं।

इस तरह करें बृहस्पति को अनुकूल

अशुभ ग्रहों से परेशान हों में अब जाने प्रतिकूल बृहस्पति के बारे में। इस ग्रह की दशा से शिक्षा में बाधा आती है। मंगलकार्य में अवरोध होता है। ऐसा होने पर स्वयं समझें कि जन्मकुंडली में बृहस्पति प्रतिकूल हैं। यदि ऐसा है तो अनायास अपयश भी झेलना पड़ सकता है। सिर के बाल असमय झड़ने लगते हैं। सोना खो जाता या चोरी हो जाता है।इसके साथ ही लीवर और किडनी पर भी प्रतिकूल असर पड़ने लगता है। ऐसा जातक को कान में दर्द भी रहता है। ऐसे में अशुभ ग्रहों से परेशान न हों, उपाय करें।

उपाय : माथे या नाभि पर केसर का तिलक लगाएं। कोई भी अच्छा कार्य करने के पहले अपनी नाक साफ करें। हल्दी, दाल, केसर आदि को दान करें। किसी बुजुर्ग ब्राह्मण को बृहस्पतिवार के दिन पीले वस्त्र और धार्मिक पुस्तक दान करें।

क्रमशः (यह लेख जारी है। कल अंतिम भाग में पढ़ें- शुक्र, शनि, राहु और केतु हो जाएंगे अनुकूल)

-आचार्य वैकुंठनाथ झा

यह भी पढ़ें- पर्यावरण संरक्षण के साथ सुधारें अपनी ग्रह दशा

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here