खुद निकालें शुभ मुहूर्त, यात्रा होगी सफल

1643
खुद निकालें शुभ मुहूर्त, यात्रा होगी सफल
खुद निकालें शुभ मुहूर्त, यात्रा होगी सफल।

find auspicious time by yourself : खुद निकालें शुभ मुहूर्त जिससे यात्रा सफल व निरापद होगी। कई लोग ज्योतिषी के न मिलने से उलझन में रहते हैं। उनके लिए इसके उपाय बता रहा हूं। शास्त्रीय रूप से यात्रा मुहूर्त तय करने की स्पष्ट व्यवस्था है। दिशा शूल, तिथि, नक्षत्र, लग्न, होरा, चंद्रमा व तारों की स्थिति देखनी चाहिए। कई विद्वान दिशा शूल और चंद्रमा की स्थिति के आधार पर यात्रा की अनुमति देते हैं। दिशा शूल की जानकारी के लिए कहावत मशहूर है। सामान्य पाठक उससे काम चला सकते हैं।

दिशा शूल के बारे में कहावत

सोम शनिचर पूरब न चालू। मंगल बुध उत्तर दिस कालू।। रवि शुक्र जो पश्चिम जाय। हानि होय पथ सुख न पाय। बिफे (बृहस्पति) दक्खिन करे पयाना। फिर न समझो ताको आना। ऐसी ही कहावत चंद्रमा की दिशा के बारे में है। इसके अनुसार- मेष सिंह, धन, पूरब चंदा। दक्खिन, कन्या, वृष, मकरंदा। पश्चिम , तुलाये, मिथुना। उत्तर कर्क, वृश्चिक, मीना। किसी कारण से यह मुहूर्त भी नहीं निकल पाता है। ऐसे में ज्योतिषी से शुभ मुहुर्त निकलवा लें। उस समय ब्राह्मण हैं तो जनेऊ और माला लें। क्षत्रिय हों तो शस्त्र लें। वैश्य होने पर शहद व घी लें। अन्य जाति के हैं तो फल को वस्त्र में बांध ले। उन्हें जिस दिशा में यात्रा हो उसी ओर किसी के घर में रखवा दें। इसके बाद इच्छित तिथि और समय पर यात्रा करें। इससे खराब समय में यात्रा का दोष नहीं लगता है। 

खुद निकालें शुभ मुहूर्त, लें टोटकों की मदद  

कई बार यात्रा के शुभ मुहूर्त नहीं बन पाता है। विद्वानों ने कुछ टोटके बताए हैं। उनकी मदद से खुद निकालें शुभ मुहूर्त और बेखटके यात्रा पर रवाना हों। सप्ताह के हर दिन के लिए अलग-अलग वस्तुओं के बारे में विद्वानों ने सलाह दी है। ये टोटके कारगर माने जाते हैं। इसका पालन करने से यात्रा शुभ होती है। इसके तहत रविवार को यात्रा हों तो घर से निकलते समय पान खाएं। सोमवार को शीशे में मुंह देखें। मंगलवार को गुड़ खाएं। बुधवार को धनिया चबाएं। गुरुवार को जीरा चबाएं।, शुक्रवार को दही एवं शनिवार को अदरख खाने से यात्रा सफल होती है।

यह भी पढ़ें : नीलकंठ : यहां शिव ने किया था समुद्र मंथन के बाद विश्राम

चौघड़िया मुहूर्त से कभी भी निकालें शुभ मुहूर्त

संकट या आपातकाल में इसका प्रयोग करें। चौघड़िया मुहूर्त में दिन और रात को आठ समान हिस्सों में बांटा जाता है। यह मुहूर्त चंद्रमा के आधार पर निकालने का प्रावधान है। कई विद्वान सूर्योदय और सू्र्यास्त के आधार पर मानते हैं। चंद्रमा को आधार मानने 24 घंटे को 16 समान हिस्से में बांटते हैं। सूर्य के आधार पर गणना करने वाले आठ समान हिस्से में बांटते हैं। मेरे विचार से इसे 16 हिस्से में बांटा जाए। उसी आधार पर नीचे दिए गए खाने में दिन, समय एवं फल के आधार पर शुभ यात्रा का समय निकाल लें। यह कई बार विभिन्न विद्वानों द्वारा जांचा और परखा हुआ है। इससे खुद निकालें शुभ मुहूर्त और यात्रा करें।

दिन की चौघड़िया

हिस्सा–रवि–सोम–मंग–बुध–गुरु–शुक्र–शनि

पहली–उद्वेग–अमृत–रोग–लाभ–शुभ–चर–काल

दूसरी–चर–काल–उद्वेग–अमृत–रोग–लाभ–शुभ

तीसरी–लाभ–शुभ–चर–काल–उद्वेग–अमृत–रोग

चौथी–अमृत–रोग–लाभ–शुभ–चर–काल–उद्वेग

पांचवीं–काल–उद्वेग–अमृत–रोग–लाभ–शुभ–चर

छठी–शुभ–चर–काल–उद्वेग–अमृत–रोग–लाभ

सातवीं–रोग–लाभ–शुभ–चर–काल–उद्वेग–अमृत

आठवीं–उद्वेग–अमृत–रोग–लाभ–शुभ–चर–काल

रात की चौघड़िया

हिस्सा–रवि–सोम–मंगल–बुध–गुरु–शुक्र–शनि

पहली–शुभ–चर–काल–उद्वेग–अमृत–रोग–लाभ

दूसरी–अमृत–रोग–लाभ–शुभ–चर–काल–उद्वेग

तीसरी–चर–काल–उद्वेग–अमृत–रोग–लाभ–शुभ

चौथी–रोग–लाभ–शुभ–चर–काल–उद्वेग–अमृत

पांचवीं–काल–उद्वेग–अमृत–रोग–लाभ–शुभ–चर

छठी–लाभ–शुभ–चर–काल–उद्वेग–अमृत–रोग

सातवीं–उद्वेग–अमृत–रोग–लाभ–शुभ–चर–काल

आठवीं–शुभ–चर–काल–उद्वेग–अमृत–रोग–लाभ

नोट-ऊपर दी गई जानकारी का सहारा लें। खुद निकालें शुभ मुहूर्त जिससे यात्रा सफल व निरापद होगी। 

यह भी पढ़ें- ग्रह और वास्तु दोष को मामूली उपायों से सुधारें

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here