हनुमान माला मंत्र से होता है हर संकट दूर

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होनी तो हो के रहे अनहोनी ना होय, जाको राखे साइयां...
होनी तो हो के रहे अनहोनी ना होय, जाको राखे साइयां...।
Hanuman mala mantra solve all problems : हनुमान माला मंत्र से होता है हर संकट दूर। शत्रु का संकट हो या ग्रहों की बाधा। भूत, प्रेत, पिशाच का डर हो या रोगों का प्रकोप हनुमान जी सभी संकटों से मुक्त करते हैं।

हनुमान की उपासना अत्यंत प्रभावी होती है। उन्हें कलियुग का भगवान कहा जाता है। मान्यता है कि कलियुग में में वह धरती पर रहकर भक्तों का कष्ट दूर कर रहे हैं। सामान्य भक्तों के कल्याण के लिए हनुमान चालीसा ही सर्वथा उपयुक्त है। उससे भी अभीष्ट की प्राप्ति हो सकती है। यदि आप कुछ विशेष करना चाहें या आप गहरे संकट में हों। शत्रु अत्यंत प्रबल हो तथा बचने का कोई रास्ता नजर न आ रहा हो तो हनुमान जी का माला मंत्र अमोघ है। इसका प्रयोग कभी निष्फल नहीं होता है। रामनवमी से इसका अनुष्ठान शुरू कर सकते हैं।

मनचाहा फल मिलता है हनुमान माला मंत्र से

हनुमान जी के भक्तों के लिए माला मंत्र की जानकारी प्रस्तुत है। इसमें हनुमान माला मंत्र एवं उसकी प्रयोग विधि की जानकारी दे रहा हूं। भक्ति एवं विधिपूर्वक इसका प्रयोग करें तो निश्चय ही सफलता मिलेगी। आपको हर मनचाहा फल मिल सकता है। माला मंत्र निम्न है।

माला मंत्र

वज्रकायवज्रतुंंडकपिलेत्यथ पिंगला। ऊर्ध्वकेशमहावर्णबलरक्तमुखेति च।
तडज्जिह्वमहारौद्रदष्ट्रोत्कटकहद्वयम्। करालिने महादृढप्रहारिन्निति वर्णकाः।
लंकेश्वरवधायान्ते महासेतुपदं ततः। बंधांते च महाशैलप्रवाहगगने चर।
एह्मेहि भगवन्नन्ते महाबलपराक्रम। भैरवाज्ञापयैह्मेहि महारौद्रपदं पुनः।
दीर्घपुच्छेन वर्णान्ते वेष्ट्यान्ते तु वैरिणम्। भञ्जयद्वितयं हुं फट् प्रणवादिसमीरितः।
बाणनेत्रेंदुवर्णोयं मालामंत्रोखिलेष्टदः। युद्धे जप्तो जयं दद्याद् व्याधौ व्याधिविनाशनः।।
इस मंत्र का पुरश्चरण दस हजार है। जप के बाद एक हजार हवन करने से ही मनचाहा फल प्राप्त होता है।

प्रयोग विधि

हनुमान माला मंत्र से होता है हर संकट दूर। इसके प्रयोग में ज्यादा झंझट भी नहीं है। यदि शीघ्र और प्रभावी फल चाहते हैं तो 21 दिन का संकल्प लें। प्रतिदिन पांच माला जप करें। बेहतर होगा कि जप के बाद रोज 50 मंत्रों से हवन कर लें। हवन सामग्री में तिल, चावल, चीनी, जौ और घी होना चाहिए। ध्यान रखें कि जप का स्थान और समय एक ही हो। रोज स्नान के बाद हनुमान जी की सामान्य पूजा कर जप व हवन कर सकते हैं। यदि दैनिक हवन संभव न हो तो जप के बाद एक हजार आठ मंत्रों से हवन करना होगा। पुरश्चरण के बाद मंत्र का रोज कुछ जप करना चाहिए। इसके बाद साधक को उपद्रव और भय छू भी नहीं सकता। उसकी आयु और संपत्ति नित्य बढ़ती रहती है। समस्त उपद्रव अपने आप खत्म हो जाते हैं।

फिर हो समस्या तो ये करें

यदि रोज जप नहीं कर पा रहे और विरोधी अधिक शक्तिशाली हो तो फिर उपद्रव का खतरा रहता है। यदि फिर उपद्रव होने लगे तो निम्न प्रयोग करें। यह प्रयोग हनुमान जी के प्रति पूर्ण भक्ति रखने वाला कोई भी भक्त कर सकता है।
विधि : तीन दिन तक उपरोक्त विधि से 108 बार दैनिक जप करें। रोज दस मंत्रों से हवन करें। इससे छोटे रोगों एवं उपद्रवों से छुटकारा मिलता है। ऐसे साधक से भूत, प्रेत व पिशाच दूर हो जाते हैं। जो साधक यात्रा के समय हनुमान जी का ध्यान करते हुए इस मंत्र का जप कर यात्रा करता है, वह अभीष्ट की सिद्धि प्राप्त कर शीघ्र घर लौटता है। ध्यान रहे हनुमान माला मंत्र से सिर्फ संकट ही दूर नहीं होते मनोकामना भी पूरी होती है।

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