Importance of hawan : हिन्दू धर्म में हर काम के समापन के बाद हवन करने की मान्यता है। आइये जानते हैं हवन की महत्ता और इसके पीछे के वैज्ञानिक कारण। फ़्रांस में ट्रेले नामक वैज्ञानिक ने हवन पर रिसर्च की। जिसमें हवन के बारे में उनको निम्न बातें सामने रखी है।
आम की लकड़ी
हवन आमतौर पर आम की लकड़ी से किया जाता है। आम की लकड़ी के जलने पर फ़ॉर्मिक एल्डिहाइड नामक गैस उत्पन्न होती है। जो खतरनाक जीवाणुओं को मारती है । तथा वातावरण के प्रदुषण को घटाती है। साथ ही वायु शुद्ध करती है।
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गुड़ को जलाने पर भी ये गैस उत्पन्न होती है।
टौटीक नामक वैज्ञानिक ने हवन पर किये अपने रिसर्च में माना की यदि आधे घंटे हवन में बैठा जाये तो सलमोनेल्ला टायफी जो की टाइफाइड जैसे खतरनाक रोग फ़ैलाते हैं उनका अंत करती है। शरीर शुद्ध हो जाता है।
हवन की महत्ता
राष्ट्रीय वनस्पति अनुसन्धान संस्थान लखनऊ के वैज्ञानिकों ने हवन की महत्ता को देखते हुए इस पर एक रिसर्च किया। उन्होंने ग्रंथों में वर्णिंत हवन सामग्री जुटाई।और पाया कि ये विषाणु का नाश करती है। फिर उन्होंने विभिन्न प्रकार के धुएं पर भी काम किया और देखा कि आम की लकड़ी को हवन सामग्री के साथ जलाया गया तो घंटे भर के अंदर कक्ष में मौजूद बैक्टीरिया का स्तर 94 प्रतिशत कम हो गया।
धुएं का असर
उन्होंने कक्ष की हवा में मौजुद जीवाणुओ का परीक्षण करने पर पाया। सारा धुआं निकल जाने के २४ घंटे बाद भी जीवाणुओं का स्तर सामान्य से 96 प्रतिशत कम था। बार-बार नज़र रखने पर पाया गया कि धुएं का असर एक माह तक रहता है।
यह रिपोर्ट एथ्नोफार्माकोलोजी के शोध पत्र (resarch journal of Ethnopharmacology 2007) दिसंबर 2007 में प्रकाशित है। रिपोर्ट में हवन की महत्ता के बारे में बात की गयी है। रिपोर्ट के अनुसार हवन से न सिर्फ मनुष्य बल्कि फसलों को नुकसान पहुंचाने वाले बैक्टीरिया का भी नाश होता है।
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