Improve the Planet and Vastu with minor changes in House : ग्रह और वास्तु दोष को मामूली उपायों से सुधारें। इस लेख में मैं आपको भाग्य बदलने का आसान तरीका बताऊंगा। इससे आप घर में मामूली फेरबदल कर जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं। इसमें अलग-अलग उपायों से ग्रहों के रुख और बल में परिवर्तन लाने की विधि दी जा रही है। जैसे कि किस ग्रह वाले को किस दिशा में दरवाजा रखना चाहिए? मकान के किस हिस्से में रोशनी और किसमें अंधेरा रहना चाहिए? कौन सा रंग शुभ होगा? किस हिस्से में किस तरह के पौधे या सजावट का सामान रखना चाहिए? साथ ही मैं प्रतिकूल ग्रहों को अनुकूल करने के लिए वैदिक या तांत्रिक पूजा, दान आदि के बारे में भी जानकारी दूंगा। जानें सभी ग्रहों के बारे में बारी-बारी से। यह श्रृंखला तीन अंकों तक चलेगी। प्रारंभ सूर्य, चंद्रमा और मंगल ग्रह से।
सूर्य को इस तरह करें अनुकूल
जन्मकुंडली व घर के वास्तु में सूर्य को अनुकूल करने के लिए निम्न उपाय करें। सूर्य 12वें घर में हों तो उन्हें अनुकूल करने के लिए तोते एवं खरगोश को पालना शुभ होता है। सूर्य पर चंद्रमा, मंगल और गुरु की दृष्टि हो तो नमक का न्यूनतम सेवन करना चाहिए। इससे उन्नति का मार्ग प्रशस्त होता है। यदि कुंडली में सूर्य कमजोर हों तो आलू, घी, अभ्रक एवं कपूर का घर में अधिक उपयोग करें। बिना सींग की गाय का पालन और माता व बुआ की सेवा भी फलदायी है। सूर्य पांचवें स्थान पर हो तो उत्तम फल पाने के लिए रसोईघर घर का पूर्वी दीवार से सटा होना आवश्यक है। सूर्य अनुकूल नहीं हों तो गंदम-बाजरा दान करें। अंधों की सेवा भी उपयोगी होता है। सूर्य आठवें स्थान पर और मकान का द्वार दक्षिण में हो तो उस घर में बीमारी व मृत्यु होती रहती है।
चंद्रमा की स्थिति को जानें
घर व वास्तु दोष को दूर करने के क्रम में चंद्रमा के बारे में जानें। आठवें स्थान का चंद्रमा संतान की चिंता से परेशान करता है। ऐसे में कुएं की छत पर या सटाकर मकान बनाना शुभ है। अस्त या प्रतिकूल चंद्रमा हो तो चांदी और चावल जमा करके रखना दोष को खत्म करता है। माता और वृद्धा की सेवा लाभकारी है। पांचवें स्थान पर कमजोर चंद्रमा हो तो संतान को समस्या होती है। चंद्रमा 11वें और केतु तीसरे स्थान पर हों तो कुआं या हैंडपंप नहीं खुदवाएं। अन्यथा तीन वर्ष में मृत्यु का खतरा रहता है। 11 बच्चों को 11-11 मावा के पेड़े व दूध देने से दोष में कमी आती है। 11वें स्थान का चंद्रमा पुत्र व पौत्र सुख में विलंब कराने वाला होता है। बच्चे के माता को पीड़ा रहती है। मां यदि सिर व आंखों को दूध से धोए तो दोष में कमी आएगी।
मंगल का प्रभाव और शांति के उपाय
घर व वास्तु दोष को दूर करने के क्रम में चंद्रमा के बारे में जानें। आठवें स्थान का चंद्रमा संतान की चिंता से परेशान करता है। ऐसे में कुएं की छत पर या सटाकर मकान बनाना शुभ है। अस्त या प्रतिकूल चंद्रमा हो तो चांदी और चावल जमा करके रखना दोष को खत्म करता है। माता और वृद्धा की सेवा लाभकारी है। पांचवें स्थान पर कमजोर चंद्रमा हो तो संतान को समस्या होती है। चंद्रमा 11वें और केतु तीसरे स्थान पर हों तो कुआं या हैंडपंप नहीं खुदवाएं। अन्यथा तीन वर्ष में मृत्यु का खतरा रहता है। 11 बच्चों को 11-11 मावा के पेड़े व दूध देने से दोष में कमी आती है। 11वें स्थान का चंद्रमा पुत्र व पौत्र सुख में विलंब कराने वाला होता है। बच्चे के माता को पीड़ा रहती है। मां यदि सिर व आंखों को दूध से धोए तो दोष में कमी आएगी।
नोट- अगले सप्ताह के अंक में पढ़ें-बुध, बृहस्पति और शुक्र की शांति व मजबूती के उपाय।
यह भी पढ़ें- एक साथ वास्तु और ग्रह दोष दूर करें, जीवन बनाएं खुशहाल