तुला व वृश्चिक वाले जानें अपना व्यक्तित्व और भाग्य

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राशि के आधार पर जानें कारोबार अनुकूल करने के उपाय
राशि के आधार पर जानें कारोबार अनुकूल करने के उपाय

know about libra and scorpio : तुला व वृश्चिक वाले जानें अपना व्यक्तित्व और भाग्य। साथ में उनके लिए अनुकूल नाम के पहला अक्षर की भी जानकारी होगी। साथ ही बताया जाएगा कि उनकी राशि का चिह्न। उसके गुण और दोष। व्यक्तित्व और स्वास्थ्य की स्थिति। साथ ही बताया जाएगा कि करियर के लिए कौन सा क्षेत्र उपयुक्त है। सबसे पहले सिंह राशि के बारे में पढ़ें। उसके नीचे कन्या राशि के जातक की बातें हैं।

तुला राशि वाले की खास बातें

इस राशि वाले लोगों के नाम की शुरुआत रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू या ते से होना चाहिए। राशि का चिह्न तराजू जैसा है। इसके स्वामी- शुक्र हैं। सामाजिक, खुश-मिजाज़ व आकर्षक व्यक्तित्व वाले होते हैं। फैसला लेने में इन्हें थोड़ी परेशानी होती है। ये संवेदनशील होते हैं। महंगी और बढ़ियां चीजों की ओर झुकाव रहता है। आकर्षक व्यक्तित्व वाले होते हैं। आंखों में चमक व चेहरे पर प्रसन्नता झलकती है। इनका स्वभाव सम होता है। इस राशि के लोगों के विचार अनिश्चित होते हैं। व्यावहारिक भी होते हैं। मित्र इन्हें पसंद करते हैं। कला, गायन आदि में दक्ष होते हैं। बच्चों से बेहद जुड़ाव रहता है। पारिवारिक जीवन में बहुत उथल-पुथल होती है। ये किसी भी परिस्थिति में विचलित नहीं होते। दूसरों को प्रोत्साहन देना, सहारा देना इनका स्वभाव होता है। आज आप पढ़ रहे हैं तुला व वृश्चिक वाले जातक के बारे में।

रखते हैं आदर्श और व्यावहारिकता में संतुलन

जीवन में आदर्शवाद व व्यवहारिकता में संतुलन रखते हैं। इनकी आवाज सभी को अच्छी लगती है। चेहरे पर मुस्कान छाई रहती है। ऐतिहासिक स्थलों की यात्रा करना अच्छा लगता है। ये अच्छे साथी हैं, चाहें वह वैवाहिक जीवन हो या व्यावसायिक जीवन। अपने व्यवहार में बहुत न्यायवादी व उदार होते हैं। आप अपने कार्यों में अप्रत्याशित होते हैं। आप किसी क्षण तो अत्यधिक सक्रिय होते हैं और अगले ही क्षण हो सकता है आप पूरी तरह से निष्क्रिय व्यवहार करें। विचारों से सम और हर बात को पूरी तरह तौलकर देखने वाला जातक तुला राशि का होगा। बुद्धिमान होते हैं। कला, साहित्य, संगीत, चित्रकारी और बागवानी जैसे शौक होते हैं। इनमें आलोचना और राजनीतिक चातुर्य जबर्दस्त होता है। समझौता करने में यकीन रखते हैं। स्वाभाविक रूप से आप एक श्रेष्ठ मेजबान हो सकते हैं। एक बार मित्र बने तो हमेशा निभाते हैं। भाग्यवादी और अनिश्चय इनके अवगुण हैं।

करियर के मामले में

तुला व वृश्चिक वाले के क्रम में पहले जानें तुला के करियर का हाल। इन्हें साझीदार के साथ व्‍यापार करना ठीक रहता है। उचित समय पर सही सलाह देते हैं। ऐसे में साझेदार भी फायदे में रहते हैं। ये शराब, सोना व लोहे के सामान का व्यवसाय करें तो अधिक सफल होते हैं। राजनयिक होना, सुंदर, आकर्षक, आदर्शवादी और शांतिप्रिय होना आपकी ताकत है। ये अच्छे लेखक, कंपोजर, डिज़ाइनर, इंटिरियर डेकोरेटर, समीक्षक, प्रशासक एवं वकील होते हैं।

स्वास्थ्य की स्थिति

इनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता थोड़ी कम होती है। इसलिए बीमारियों की चपेट में जल्‍दी आते हैं। इन्हें कफ की समस्या ज्यादा होती है। पीठ के निचले हिस्से और अंडाशय के निचले हिस्से में दर्द रह सकता है। अधिक शक्कर और भारी भोजन से बचना चाहिए। यदि शुक्र खराब हो तो अंगूठे में समस्या हो सकती है। त्वचा में विकार और गुप्त रोग का खतरा रहता है। इनसे सतर्कता बरतें।

इनका रखें ध्यान

तुला व वृश्चिक वाले का हाल जानने के क्रम में जानें तुला राशि के लिए सलाह। इनके लिए शुभ दिन रविवार और सोमवार होते हैं। शुभ रंग नारंगी, श्‍वेत और लाल है। शुभ अंक एक और दस हैं। शुक्रवार को खटाई न खाएं। पत्नी से संबंध ठीक रखें। स्वयं को और घर को साफ-सुथरा रखें। कभी भी गंदे या फटे-पुराने कपड़े न पहनें। सुगंधित इत्र या सेंट का उपयोग करें। लक्ष्मी की उपासना करें। सफेद वस्त्र दान करें। भोजन का कुछ हिस्सा गाय, कौवे और कुत्ते को दें। शुक्रवार का व्रत रखें। दो मोती लेकर एक पानी में बहा दें और एक अपने पास रखें।

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जानिए वृश्चिक राशि की खास बातें

इनके नाम का पहला अक्षर तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू होना चाहिए। राशि का स्वरूप बिच्छू जैसा है। इनमें दूसरों को आकर्षित करने की अच्छी क्षमता होती है। इनकी शारीरिक संरचना अच्छी होती है। कंधे चौड़े होते हैं। शारीरिक व मानसिक शक्ति प्रचूर होती है। इन्हें बेवकूफ बनाना आसान नहीं होता है। इसलिए कोई भी इन्हें धोखा नहीं दे सकता। ये हमेशा साफ-सुथरी और सही सलाह देने में विश्वास रखते हैं। ये लोग ज्यादातर दूसरों के विचारों का विरोध करते हैं। कभी-कभी ये आदत इनके विरोध का कारण भी बन सकती है। ये अक्सर विविधता की तलाश में रहते हैं। ये बहादुर व भावुक होने के साथ कामुक भी होते हैं। अगर अधिक पढ़े-लिखे न हों तो प्रायः झगड़ालू होते हैं। दूसरों के समझाने से भी समझते नहीं हैं। इन्हें बहुत जल्दी क्रोध आता है। तब अप्रत्याशित कार्य कर बैठते हैं।

होते हैं दृढ़ इच्छाशक्ति वाले

तुला व वृश्चिक वाले का हाल जानने के क्रम में जाने वृश्चिक राशि के बारे में। ये दूसरों में दोष ढूंढने की आदत होती है। जोड़-तोड़ में चतुर होते हैं। दृढ़ इच्छाशक्ति वाले व संकल्पवान होते हैं। अति व्ययी भी होते हैं। एक साथ कई कार्य कर सकते हैं। ये कार्य को हड़बड़ाहट में करते हैं। ये अपना अपमान सहन नहीं कर सकते हैं। इनमें धार्मिक व वासनात्मक भावनाएं साथ होती हैं। दुःख व परेशानियों से अधीर नहीं होते हैं। धैर्य इनमें बहुत होता है। स्पष्टवादिता तथा हठी प्रवृति के कारण इनको हानि उठानी पड़ती है। इनमें अंतर्ज्ञान की गहरी भावना होती है। जिज्ञासु प्रवृत्ति के होते हैं। ये वफादार दोस्त की भूमिका निभा सकते हैं। दूसरों को संदेह की नजरों से देखते हैं। किसी ने इन्हें आघात पहुंचाया तो उसे तबाह करने में विश्वास करते हैं। इन्हें असुरक्षा की भावना घेरे रहती है।

करियर के क्षेत्र में

ये सेना, पुलिस, अग्निशमन सेवाएं, चिकित्सा, गणितज्ञ, उच्च प्रशासनिक अधिकारी क्षेत्रों में विशेष रूप से सफल होते हैं। शोध कार्य करने में इनकी रुचि होती है। ज्ञान के बल पर तरक्की हासिल करते हैं। नकारात्मक परिस्थितियों में भी सकारात्मक परिणाम हासिल करने का इनमें माद्दा होता है। अधिकारियों एवं सहकर्मियों को इनसे काफी उम्मीदें होती हैं। बुरे समय में ये साहस नहीं छोड़ते हैं। अपनी गति से चलते रहते हैं। आप पढ़ रहे हैं तुला व वृश्चिक वाले के बारे में।

स्वास्थ्य के मामले में

ये एलर्जी से परेशान रह सकते हैं। विशेषकर जब चंद्रमा कमजोर हो। इन्हें सिरदर्द और स्नायु संबंधी रोग भी होते हैं। ऐसा इसलिए होता है कि जातक प्रायः अधिक भोग-विलास करते हैं। जातक को संक्रामक रोगों से बचना चाहिए। सिरदर्द और स्नायु संबंधी रोग होने का भी खतरा रहता है।

इनका रखें ध्यान

बड़े भाई की आज्ञा का पालन करें। तंदूर की मीठी रोटियां बनाकर गरीबों को खिलाएं तथा स्वयं तंदूर की रोटी न खाएं। अलग-अलग मिट्टी के पात्रों में शहद तथा सिंदूर रखकर घर में स्थापित करें। गुड़ या चीनी चीटियों को डालें। धार्मिक स्थान पर बूंदी या लड्डू का प्रसाद चढ़ाकर बांटे। लाल गुलाब दरिया में प्रवाहित करें।  हनुमानजी को सिंदूर का चोला चढ़ाएं। मंगलवार का उपवास रखें। लाल रुमाल का इस्तेमाल करें। क्रोध पर काबू रखें। निराश होने से बचें।

नोट- तुला व वृश्चिक वाले के बारे में आज आपने पढ़ा। अगले अंक में पढ़ें धनु और मकर राशि के बारे में जानें

प्रस्तुति : प्रवीण कुमार झा

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