ग्रह बाधा को स्वयं जानें, करें बचाव के उपाय

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ग्रह बाधा को स्वयं जानें, करें बचाव के उपाय
ग्रह बाधा को स्वयं जानें, करें बचाव के उपाय

Know the planetary obstacle yourself, take preventive measures : ग्रह बाधा को स्वयं जानें, करें बचाव के उपाय। यह कोई कठिन काम नहीं है। ग्रहों के शुभ और अशुभ फल के संकेत पहले मिलने लगते हैं। यदि आप अपने जीवन और घटना के प्रति सतर्क हैं तो इन्हें आसानी से समझ सकते हैं। हर ग्रह गोचर, दशा, अंतर्दशा और प्रत्यांतर्दशा में अपने फल देते हैं। कुछ के फल सामान्य होते हैं। उनका जीवन पर कोई विशेष प्रभाव नहीं पड़ता है। अतः उन्हें समझना भी कठिन होता है। प्रबल ग्रहों का जीवन पर प्रभाव पड़ता है। उनके संकेत भी अधिक स्पष्ट होते हैं। आवश्यकता है उन्हें समझने की। उन्हें समझ कर यदि सही तरीके से उपाय कर लें तो उसके दुष्प्रभाव से आसानी से बच सकेंगे। पाठकों की सुविधा के लिए हर ग्रह के बारे में अलग-अलग विस्तार से जानकारी दे रहा हूं। जानें उनके बारे में।

सूर्य के प्रतिकूल होने के संकेत

यदि आपके जीवन में सूर्य अशुभ फल देने वाला है तो पहले से ही प्रकाश और उससे जुड़े माध्यम की क्षति होने लगती है। सूर्य की रोशनी के मार्ग खिड़की, रोशनदान आदि में अवरोध होगा। जैसे रोशनदान में चिड़िया घोसला बना लेगा। खिड़की के सामने किसी वृक्ष की टहनी इस तरह से बढ़ जाएगी कि रोशनी का मार्ग बाधित हो जाए। उस दिशा में कोई नया मकान बन जाने से रोशनी बाधित हो जाएगी। बल्ब, ट्यूबलाइट का अचानक लगातार फ्यूज होना भी इसी के संकेत है। इसके साथ ही जीवन में परेशानी आने लगती है। सूर्य जिस भाव में होता है, उसमें समस्या होने लगती है। जैसे सूर्य लग्नेश हो तो जातक को बुखार, सिर दर्द आदि की समस्या होने लगती है। मान-प्रतिष्ठा की हानि के संकेत मिलते हैं। अधिकारी से तनाव होता है। तेज धूप में काफी समय रहना पड़ता है।

चंद्रमा के अशुभ लक्षणों को जानें

ग्रह बाधा को स्वयं जानने के क्रम में चंद्रमा के अशुभ संकेत को समझें। इसमें चांदी और मोती के खोने का खतरा रहता है। सफेद वस्त्र का फटना, दाग-धब्बा लगना भी इसके संकेत हैं। घर में पानी की बर्बादी को भी संकेत समझें। इसमें पाइप और टंकी के लीक होने से पानी का बेकार बहना शामिल है। घर में जमा पानी से दुर्गंध भी आने लग सकती है। यदि इस तरह की घटनाएं लगातार हो रही हैं तो इसका अर्थ चंद्रमा प्रतिकूल हो रहा है। प्रतिकूल चंद्रमा से जल जनित रोग हो सकता है। माता को शारीरिक कष्ट, किसी महिला से विवाद, मन की अशांति का भी खतरा रहता है। प्रेम संबंध में झटका लगे, पालतू पशु की आकस्मिक मौत हो और सामाजिक रूप से बदनामी हो तो समझें कि चंद्रमा अशुभ फल दे रहा है। घर में सफेद वस्तुओं की कमी को भी इसका संकेत समझें।

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प्रतिकूल मंगल और बुध के लक्षण

मंगल अशुभ फल देने वाला हो तो उसे ऐसे समझें। भूमि में समस्या आती है। संपत्ति में टूट-फूट, बंटवारा होता है। घर के किसी कोने में आग लग जाती है। लाल रंग वाली कोई कीमती वस्तु खोना या क्षतिग्रस्त होना भी संकेत है। घर में जलती आग का अचानक बुझे और हवन की आग में बाधा हो तो समझें कि मंगल अशुभ हो रहा है। इसमें घर की ईंट का क्षतिग्रस्त होना भी शामिल है। वात जन्य रोग तथा छोटी-मोटी दुर्घटना भी इसी क्रम में आते हैं। यदि सूंघने की क्षमता और काम-भावना में कमी आने लगे तो समझें कि बुध प्रतिकूल हो रहा है। इसमें विवेक शक्ति नष्ट होने लगती है। जातक अच्छे-बुरे की पहचान में चूकने लगता है। त्वचा में संक्रमण, शिक्षा में शिथिलता और अनावश्यक खर्च भी लक्षण हैं। ग्रह बाधा को स्वयं जानने के क्रम में अब पढ़ें बृहस्पति, शनि और शुक्र के बारे में।

अशुभ बृहस्पति, शनि व शुक्र के संकेत जानें

बृहस्पति अशुभ होने लगें तो अच्छा कार्य करने पर भी अपयश मिलता है। आपके हाथों गुरुजन एवं सम्मानित व्यक्ति का जाने-अनजाने अपमान होता है। महंगी वस्तुओं का खोना भी इसका संकेत है। इसमें सिर के बाल कम होने लगते हैं। जातक अपने वचन को पूरा नहीं कर पाता है। असत्य भाषण करने लगता है। दिन में भी नींद आने लगे, अत्यंत गरीब और गंदे व्यक्ति से वाद-विवाद होने लगे तो समझें कि शनि प्रतिकूल भाव में आ रहा है। इसमें काले रंग के पालतू पशुओं की मौत भी होती है। दाढ़ी-मूंछ और बाल बड़े व बेतरतीब रहते हैं। कपड़ों पर दाग-धब्बे लगे रहते हैं। अंधेरी व घुटन वाली जगह में जाना पड़ता है। चर्म रोग व यौन रोग होने लगे तो शुक्र का अशुभ फल समझें। इसमें कामुक विचार आते हैं। महिला से विवाद होता है। हाथ व पैरे के अंगूठे सुन्न व निष्क्रिय होने लगते हैं।

राहु और केतु के प्रतिकूल होने पर

धुएं वाली या जहां अधिक लोग धूम्रपान करते हैं, उस जगह पर बार-बार जाना पड़ता है। मरे पक्षी, सर्प और छिपकली दिखाई देने लगता है। पवित्र नदी या कुंड के पास जाकर भी स्नान नहीं कर पा रहे हों तो समझें कि राहु का अशुभ फल आने लगा है। ऐसे जातक के हाथ के नाखून खराब होने लगते हैं। बिना कारण लोग उसका विरोध करने लगते हैं। घर में बंधी रस्सी टूट जाती है। मार्ग को लेकर भ्रम होने लगता है। आवश्यक वस्तु खो जाती है तो राहु की शांति के उपाय करें। जातक का केतु प्रतिकूल होने लगे ते मुंह से अपशब्द निकलते हैं। पैर के नाखून खराब होने लगते हैं। बार-बार गिरने और फिसलने की स्थिति बनती है। हड्डी संबंधी समस्याएं होती हैं। भ्रम के कारण हास्यास्पद गलतियां होती हैं। घर में आकर पक्षी मर जाता है। इन लक्षणों से ग्रह बाधा को स्वयं जानें।

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