शाबर मंत्रों में जानें वशीकरण, उच्चाटन व विद्वेषण विधि

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प्रतिकूल ग्रहों को शांत करने के लिए करें ये उपाय
जानें क्या है भूत और कैसे पाएं इससे मुक्ति।

Learn the method of Vashikaran, Uchchatan and Vidveshan on Shabar mantras : शाबर मंत्रों में जानें वशीकरण, उच्चाटन व विद्वेषण विधि। यह प्रयोग में सरल और शीघ्र पल देने वाले हैं। शीघ्र प्रयोग करने के लिए तैयार इन मंत्रों का प्रभाव भी जबरदस्त है। गुरु के प्रति पूर्ण भक्ति और मंत्र एवं देवता ध्यान के प्रति पूर्ण विश्वास आवश्यक है। इसमें मात्र इतना रखना है कि किसी की मर्यादा भंग न हो। लोक विरुद्ध कार्य न हो। साथ ही किसी निर्दोष को क्षति पहुंचाने को भाव नहीं हो। ऐसा नहीं करने पर प्रयोगकर्ता को ही दुष्परिणाम भोगना पड़ता है। इसका असर प्रयोगकर्ता के साथ ही उसके परिवार व संतान पर भी पड़ता है। पिछले लेख में मैंने स्पष्ट कर दिया था कि कई बार शाबर मंत्र के प्रयोग में बाधा आती है। ऐसे में उसके लिए उपाय कर लेना चाहिए। उस लेख का लिंक नीचे है।

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आकर्षण मंत्र

यदि कोई प्रियजन खो गया या घर से चला गया है तो निम्न मंत्र व विधि का प्रयोग करें।

ऊं ह्रीं क्लीं चामुंडे ज्वल ज्वल प्रज्वल प्रज्वल फट् हुं हुं हुं स्वाहा।

विधि- सामान्य स्थिति में यह प्रयोग 41 दिन का है। वट वृक्ष के नीचे या किसी मंदिर में संकल्प लेकर नित्य चामुडा का पंचोपचार से पूजन करें। फिर जप करें। इसमें प्रतिदिन 31 माला जप करना है। 41वें दिन सवा लाख का दशांश मंत्र से (12500) हवन करें। इसमें स्वयं गया व्यक्ति आमतौर पर लौट आता है। या उसके बारे में जानकारी मिल जाती है। ग्रह दशा प्रतिकूल होने पर कभी-कभी देर लगती है। ऐसे में उचित है कि जप और हवन की संख्या और बढ़ा दें। सफलता अवश्य मिलेगी।

स्त्री-पुरुष वशीकरण के लिए

शाबर मंत्रों में जानें स्त्री-पुरुष सभी के वशीकरण की विधि। मंत्र जप से पहले शुभ तिथि व शुभ नक्षत्र में लाजवंती का पौधा उखाड़ कर लाएं। फिर उसे सुखाकर जला लें। जलाते समय मंत्र का निरंतर जप करते रहें। जलाने के बाद भस्म को एकत्र कर सुरक्षित रख लें। बाद में आवश्यकतानुसार इसका प्रयोग करें। उस समय सात बार मंत्र पढ़कर जिसे भी लगा देंगे, उसका वशीकरण होगा। सफलता में बाधा आने पर ग्रहण काल में 1100 बार मंत्र का पुनः जप कर लें। उस समय भस्म को हिलाते रहें। मंत्र है-

कहे कमिख्या सुनहु ललजार जर। पेड़ पात सब तुमरो मालिनौ।

पाल पात जराय के भस्मत कीनो। पुन वह क्षार महादेव न लई।

अब तुमको प्रतिष्ठा भई। ग्रह विचार वेगे तुम आए।

जिभि क्षार लगावो धाए। छिन इक में बस होय हमारे। तन मन ते पग परत विचारे।

मेरी भगत, गुरु की सकत, पुरै मंत्र ईश्वरो वाचा।

बहु उपयोगी मंत्र व प्रयोग विधि

ऊं निरंकारी भवानी। इंदर की बेटी। ब्रह्मा की साली। दोनों हाथ बजावे ताली।

जा बैठी पीपल की डाली। इंद्र मोहूं, ब्रह्मा मोहूं, मोहूं सारी दुनिया। दुहाई हनुमान जी की।

दुहाई हिंगलाज की। दुहाई गरुड़ नारायण की। वीर धनंजय, दुहाई लोना चमारिन की।

विधि- 1121 बार मंत्र जप करें। फिर 121 बार जप करते हुए हवन करें। हवन में आम की लकड़ी का प्रयोग करें। सामग्री में गुड़, लौंग, बेलपत्र, तुलसीपत्र, गाय का दूध और गाय घी होना चाहिए। इसके बाद इससे प्रयोग कर सकते हैं। सामान्य स्थिति में यह प्रयोगकर्ता का आभा मंडल बढ़ाता है। एक तरह से सर्वजन वशीकरण होता है। बाद में अपने लिए प्रयोग करना हो तो 11 बार मंत्र पढ़कर शरीर पर हाथ फेरें तो रक्षा होती है। साथ ही विरोधी भी अनुकूल हो जाता है। 121 बार जप करते हुए हवन कर झाड़ा देने से प्रेत बाधा दूर होती है।

उच्चाटन का मंत्र और प्रयोग

यह अत्यंत प्रभावी है। शाबर मंत्रों में जानें एक दिन में मंत्र सिद्ध करने की विधि। मंत्र है-

ऊं नमो भगवते रुद्राय दंष्ट्राकरालाय अमूकं सुपुत्र बांधवे

सह हन हन हन दह दह पच पच शीघ्रं उच्चाटय उच्चाटय हुं फट स्वाहा।

होली, दीपावली या ग्रहण के दिन 10 हजार जप कर मंत्र सिद्ध कर लें। इसके बाद जिस स्थान पर गधा लोटता हो, वहां की मिट्टी बाएं पैर उठाकर रख लें। मंगलवार दोपहर को 108 बार मंत्र जप कर शत्रु के घर में वह मिट्टी डाल दें। इससे उसका उच्चाटन होता है। कौए के पंख को भी मंत्र से अभिमंत्रित कर शत्रु के घर परिसर में गाड़ दें तो उसका उच्चाटन होगा। सरसों को शिवलिंग पर चढ़ाएं। इसके बाद फल, फूल और मिठाई को मंत्र से अभिमंत्रित कर किसी तरह से शत्रु के घर के परिसर में गाड़ दें तो उसका उच्चाटन हो जाएगा।

विद्वेषण के लिए ऐसे करें उपाय

विद्वेषण के लिए शाबर मंत्रों में जानें नारद का अत्यंत प्रभावी मंत्र और उसकी प्रयोग विधि। इस मंत्र से व्यक्ति विशेष, परिवार और सभा तक में बैठे लोगों का विद्वेषण किया जा सकता है। मंत्र है-

ऊं नमो नारदाय अमुकस्य अमुकेन सह विद्वेषण कुरु कुरु स्वाहा।

विधि- शुभ तिथि को संकल्प लेकर एक लाख मंत्र का जप करें। इसे 11, 21 या 41 दिन में लगातार किया जा सकता है। मंत्र जप के बाद दशांश से हवन कर लें। यदि व्यक्ति विशेष में विद्वेषण कराना हो तो अमुकस्य व अमुकेन के स्थान पर जिनका जिनसे विद्वेषण कराना हो, उनका नाम दें। सेही जानवर के कांटे को अभिमंत्रित कर जिस घर या परिसर में गाड़ देंगे, वहां रहने वाले में विद्वेषण हो जाएगा। घोड़े और भैंस के बाल को अभिमंत्रित कर सभा में डाल देने पर वहां विद्वेषण हो जाता है।

संदर्भ- यंत्र मंत्र और तंत्र विज्ञान, तंत्र सिद्धि रहस्य और शाबर मंत्र संग्रह।

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