भगवान शिव की उपासना का महीना सावन

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भगवान शिव की उपासना का महीना सावन
भगवान शिव की उपासना का महीना सावन।

Sawan, the month of worship of Lord Shiva : भगवान शिव की उपासना का महीना है सावन। पूर्णिमा के अनुसार 25 जुलाई से सावन माह शुरू हो जाएगा। 26 जुलाई को पहला सोमवार पड़ रहा है। शास्त्रों के अनुसार यह शिव को प्रिय होने के साथ मनोकामनाओं को पूरा करने का भी अवसर है। भगवान विष्णु के चार महीने के लिए योग निद्रा में जाने के बाद शिव पूजा का महत्व और बढ़ जाता है। शिव पूजा के लिहाज से यह वर्ष का सबसे पवित्र महीना माना जाता है। इस दौरान विवाह सहित सभी मांगलिक कार्य बंद रहते हैं। इसलिए भक्तों के लिए भोलेनाथ की भक्ति का अनुकूल अवसर होता है। इस लेख में जानें उनकी उपासना की कुछ मुख्य बातें।

शिव उपासना में ध्यान रखने योग्य बात

शिवपुराण के अनुसार भगवान शिव को अलग-अलग चीजें चढ़ाने से अलग-अलग फल मिलता है। वैसे भोलेनाथ भाव के भूखे हैं। उनकी उपासना करने वाले को हमेशा यह बात ध्यान में रखनी चाहिए। उनके लिए न तो नियम-अनुशासन का बहुत ज्यादा महत्व है और न महंगे चढ़ावे का। वे मात्र भक्तों का भाव देखते हैं। बेलपत्र, दूर्वा, भांग, धतूरा, जल आदि अर्पित करने से ही प्रसन्न हो जाते हैं। फिर भक्तों को मनचाहा फल देने में कभी देर नहीं करते हैं। इस दौरान कई भक्त सोमवार का व्रत करते हैं। उनके मंत्रों का जप, शिवालय में जलाभिषेक या दुग्धाभिषेक को भी कल्याणकारी माना जाता है। नीचे पढ़ें कि शिव को अर्पित करने वाली अलग-अलग चीजों का क्या फल मिलता है?

चावल से धन व जौ चढ़ाने से सुख की प्राप्ति 

भगवान शिव की उपासना में छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखकर बड़ा फल पाया जा सकता है। भोलेनाथ को चावल चढ़ाने से धन की प्राप्ति होती है। उन्हें तिल चढ़ाने से पापों का नाश हो जाता है। जौ अर्पित करने से सुख में वृद्धि होती है। गेहूं चढ़ाने से संतान वृद्धि होती है।यह सभी अन्न भगवान को अर्पण करने के बाद गरीबों में वितरीत कर देना चाहिए। लगातार ज्वर (बुखार) हो रहा हो तो शिवलिंग जलधारा चढ़ाने से शीघ्र लाभ मिलता है। सुख व संतान की वृद्धि के लिए भी जलधारा द्वारा शिव की पूजा उत्तम बताई गई है। सुगंधित तेल से भगवान शिव का अभिषेक करने पर समृद्धि में वृद्धि होती है। शिवलिंग पर गन्ने का रस चढ़ाया जाए तो सभी आनंद की प्राप्ति होती है।

गंगाजल चढ़ाने से भोग और मोक्ष मिलता है

शिव को गंगाजल चढ़ाने से भोग और मोक्ष दोनों की प्राप्ति होती है। नपुंसक व्यक्ति अगर शुद्ध घी से भगवान शिव का अभिषेक करे, ब्राह्मणों को भोजन कराए तथा सोमवार का व्रत करे तो उसकी समस्या का निदान संभव है। विद्यार्थियों के लिए भी यह अच्छा अवसर है। तेज दिमाग पाने के लिए शक्कर मिश्रित दूध भगवान शिव को चढ़ाएं। मधु से भगवान शिव का अभिषेक करने से टीबी रोग में आराम मिलता है। शिवपुराण के अनुसार लाल और सफेद आंकड़े के फूल से भगवान शिव का पूजन करने पर भोग व मोक्ष की प्राप्ति होती है। चमेली के फूल से पूजन करने पर वाहन सुख मिलता है। अलसी के फूलों से शिव का पूजन करने वाला मनुष्य भगवान विष्णु को भी प्रिय होता है। शमी पत्रों (पत्तों) से पूजन करने पर मोक्ष की प्राप्ति होती है।

बेला फूल से सुंदर-सुशील पत्नी और दूर्वा चढ़ाने से आयु वृद्धि

वैसे तो औघड़दानी महादेव की पूजा हमेशा कल्याणकारी होती है। कई ग्रंथों में भगवान शिव की उपासना में सावन को विशेष महत्व दिया गया है। अतः इस समय कामना पूजा करने पर शीघ्र फल मिलता है। इस दौरान बेला के फूल से महादेव का पूजन करने पर सुंदर और सुशील पत्नी मिलती है। जूही के फूल से शिव का पूजन करें तो घर में कभी अन्न की कमी नहीं होती। कनेर के फूलों से पूजा करने से नए वस्त्र मिलते हैं। हरसिंगार के फूलों से पूजन करने पर सुख-संपत्ति में वृद्धि होती है। धतूरे के फूल से पूजन करने पर भगवान शंकर सुयोग्य पुत्र प्रदान करते हैं। वह पुत्र कुल का नाम रोशन करता है। लाल डंठल वाले धतूरा को पूजन में शुभ माना गया है। दूर्वा से पूजन करने पर आयु बढ़ती है।

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