छोटी सिद्धियों में शाबर मंत्र लाजवाब

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छोटी सिद्धियों में शाबर मंत्र लाजवाब
छोटी सिद्धियों में शाबर मंत्र लाजवाब।

Shabar mantra is wonderful in small accomplishment : छोटी सिद्धियों में शाबर मंत्र लाजवाब हैं। दैनिक काम सहित मनोकामना पूर्ति में ये अत्यंत प्रभावी हैं। इसके साथ ही आभिचारिक प्रयोगों की काट में भी इसका जवाब नहीं है। इन दिनों तंत्र-मंत्र के नाम पर आमतौर पर शाबर मंत्रों का ही बोल-बाला है। इसके मंत्र स्वयंसिद्ध होने के कारण बहुत कम उपासना के बाद ही फल देने लगते हैं। इसमें सर्त यह है कि मंत्र और गुरु के प्रति अंधविश्वास हो। तनिक भी संशय होने पर सफलता संभव नहीं है। इसमें कमी ये है कि इसे प्रयोग में लाने के लिए इसका नियमित या समय-समय पर जप-अनुष्ठान करना आवश्यक है। साथ ही यदि वैदिक और तांत्रिक सिद्धि वाले समान मंत्र से टक्कर हो तो यह निष्प्रभावी हो जाता है। लेकिन आज के युग में उतने पहुंचे साधक नहीं के बराबर हैं। इसलिए इसी कारण शाबर मंत्र को लाजवाब कहा है।

मनोकामना पूर्ति, रोग नाश और षटकर्म में अत्यंत उपयोगी

शाबर मंत्र हर तरह की मनोकामना पूर्ति में अत्यंत उपयोगी हैं। रोजगार, शिक्षा, धन, कारोबार, संतान प्राप्ति आदि में इससे शीघ्र फल मिलता है। रोग नाश में भी इससे शीघ्र फल मिलता है। पेट, सिर, नेत्र, दांत, हिचकी, बुखार आदि रोगों में इसका खूब प्रयोग किया जाता है। चोरों का पता लगाने, घर से भागे व्यक्ति को वापस बुलाने, लकवा, पीलिया, जहर उतारने में भी इसकी उपयोगिता शानदार है। मारण, मोहन, वशीकरण, उच्चाटन, स्तंभन के साथ ही भूत-प्रेत के उपद्रव रोकने में यह रामबाण की तरह है। रक्षा और आक्रमण कर्म में यह तत्काल असर दिखाता है। चूंकि यह गुरु विद्या और उन्हीं की ओर से स्वयंसिद्ध है, इसलिए इसके कुछ नियम भी हैं। मंत्र कर्ता गुरुओं ने इसे जनहित के लिए तैयार किया है। अतः ध्यान रहे कि इस विद्या का उपयोग व्यक्तिगत व जनहित में ही हो। दूसरे को क्षति पहुंचाने पर गंभीर परिणाम भोगना पड़ता है।

लक्ष्मी को अनुकूल कर धन प्राप्ति प्रयोग

छोटी सिद्धियों में शाबर मंत्रों का प्रारंभ धन प्राप्ति और व्यापार वृद्धि के लिए प्रयोग से कर रहा हूं। पहले धन प्राप्ति के लिए लक्ष्मी मंत्र दे रहा हूं।

आवो लक्ष्मी बैठो पास। आंगन रोरी तिलक चढ़ाऊं। गले में हार पहनाऊं।

बचनों की बांधी। आवो हमारे पास। पहला वचन श्रीराम का।

दूजा वचन ब्रह्मा का। तीजा वचन महादेव का। वचन चूके तो नरक पड़े।

सकल पंच में पाठ करूं। वरदान नहीं देवे तो महादेव की शक्ति आन।

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प्रयोग विधि

दीपावली की रात में मां लक्ष्मी का पूजन कर इस मंत्र का जप करें। इसे रात भर में ही दस माला जप करना है। इसका प्रभाव वर्ष भर तक बना रहता है। अगले वर्ष दीपावली की रात पुनः इसी विधि से दस माला जप करें। बाद में नित्य एक माला जप करें। लक्ष्मी को अनुकूल बनाने में यह मंत्र बेहद कारगर है। इससे धन की प्राप्ति में गति आती है। यदि आर्थिक संकट हो या आय का स्रोत सीमित हो तो इसे अवश्य करें।

व्यापार वृद्धि के लिए मंत्र और प्रयोग

ऊं श्री शुक्ले महाशुक्ले कमलदल निवासे श्रीमहालक्ष्म्यै नमो नमः।

लक्ष्मीमाई सबकी सवाई। आओ चेतो करो भलाई। ना करो तो सात समुद्रों की दुहाई।

ऋद्धि सिद्धि ना देवो तो नौ नाथ चौरासी सिद्धों की दुहाई।

प्रयोग विधि

व्यापार वृद्धि के लिए यह छोटी सिद्धियों में शाबर मंत्र बेजोड़ है। दीपावली की रात लक्ष्मी पूजन के बाद इसका दस माला जप कर लें। फिर नित्य कार्यस्थल (दुकान, कारखाना आदि) में एक माला जप करें। कारोबार में बढ़ोतरी होने लगेगी। यह आजमाया हुआ प्रयोग है।

लक्ष्मी सिद्ध यंत्र प्रयोग

लक्ष्मी सिद्ध यंत्र
लक्ष्मी सिद्ध यंत्र।

ऊं नमो एक पांच नौ जौवन वारी। छह सात दूज की रखवारी

आठ तीज चौथ की जाई। सिंह भवानी लक्ष्मी घर आई।

शब्द सांचा लक्ष्मण जति का यही वाचा।

यंत्र निर्माण और प्रयोग विधि

दीवापली या ग्रहण काल में मंत्र के अनुसार ऊपर से नीचे के क्रम में यंत्र लिखें। अर्थात पहली पंक्ति में ऊपर से नीचे 1, 5 और 9 लिखें। फिर 6, 7 और 2 लिखें। अंतिम पंक्ति में 8, 3 और 4 लिखें। यंत्र पर हर अंक को लिखते समय एक बार पूरा मंत्र भी पढ़ें। इसमें पूर्व, पश्चिम, उत्तर और दक्षिण से जोड़ने पर योग 15 आता है। यंत्र को सोने या चांदी के पत्र पर बनाया जा सकता है। कठिन हो तो भोजपत्र पर भी बना सकते हैं। अनार की कलम से केसर और कुमकुम को घोलकर स्याही की तरह प्रयोग करें। यंत्र बनाने के बाद उसे लकड़ी के पाटे पर लाल वस्त्र बिछाकर यंत्र को रखें। फिर 10 हजार मंत्र जप कर गूगल से हवन करें। इसे पूजा स्थान या कार्यस्थल पर रखें तो धन वृद्धि होगी। सुबह नित्य यंत्र को धूप-दीप दिखाकर एक माला जप करें।

नोट- छोटी सिद्धियों में शाबर मंत्र लाजवाब लेख का यह पहला भाग है। इसे चार भाग में पूरा करूंगा। हर सप्ताह एक भाग दूंगा। धन व व्यापार वृद्धि के कई और प्रयोग हैं। सीमित स्थान के कारण इतना ही दे रहा हूं। अगले भाग में पढ़ें कुछ और रोचक और उपयोगी मंत्र व प्रयोग।

संदर्भ ग्रंथ- सर्व कर्म अनुष्ठान प्रकाश-भाग 5 (मयूरेश प्रकाशन) और शाबर मंत्र संग्रह (कल्याण मंदिर प्रकाशन)।

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