राशियां बताती हैं मनुष्य के व्यक्तित्व और भाग्य

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अक्षय तृतीया तीन मई को
अक्षय तृतीया तीन मई को।

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Signs tell the secrets of human personality and destiny : राशियां बताती हैं मनुष्य के व्यक्तित्व और भाग्य के बारे में। आमतौर पर लोग मनुष्य की राशि को अहम मानते हैं। यह अहम भी है। साथ ही जिस लग्न में उसका जन्म होता है वह भी अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। लंबी श्रृंखला वाले इस लेख में मैं राशियों और उसके प्रभाव पर विस्तार से जानकारी दूंगा। इसमें राशि के अनुसार व्यक्ति के व्यक्तित्व और भाग्य की भी जानकारी रहेगी। चूंकि व्यक्ति की राशि और उसके प्रभाव की खूब चर्चा होती रही है। अतः इसमें जन्मकुंडली में जिस लग्न में जन्म हुआ है, उसका जातक पर प्रभाव के बारे में विस्तार में बताया जाएगा। यह सामान्य आकलन है। लग्न राशि के साथ ग्रहों की स्थिति के अनुसार इसमें थोड़ा बदलाव संभव है। सटीक जानकारी के लिए पूरी जन्मकुंडली को देखना आवश्यक है। प्रारंभ मेष लग्न वाले के बारे में।

मेष लग्न में जन्म लेने वाले जातक

इस लग्न में जन्म लेने वाला मझोले कद, रक्तिम गौर वर्ण और चंचल नेत्रों वाला होता है। उसकी दृष्टि तीक्ष्ण होती है। वह सामने वाले के मन की शीघ्र थाह पा लेने में समर्थ होता है। जातक की जांघें मोटी और दृढ़ होती है। बालों का रंग भूरा मिश्रित काला होता है। दांत  चमकदार और चेहरा लंबा होता है। ऐसे व्यक्ति का शरीर बलिष्ठ  होता है। आंखों में लालिमा अधिक होती है। मस्तिष्क विशाल और उन्नत होता है। चेहरा थोड़ी लंबाई लिये ढलुवाकार होता है। कुल मिलाकर उसका व्यक्तित्व आकर्षक  होता है। वह शीघ्र निर्णय लेने में सक्षम और स्वतंत्र विचारों का धनी होता है। प्रतिकूल स्थितियों का डटकर मुक़ाबला करने का हौसला रखता है। साहसिक कार्य करने में ऐसे व्यक्ति को आनंद आता है। संघर्ष की प्रवृत्ति  सहज रूप से होती है। ऐसे व्यक्ति अच्छे योजनाकार होते हैं। दूसरों के  नियंत्रण में रहकर समुचित विकास नहीं कर पाते।

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दुस्साहसी भी होते हैं इस लग्न में जन्मे लोग

राशियां बताती हैं मनुष्य के बारे में। इस क्रम में अब जाने मेष लग्न में जन्मे लोगों के बारे में कुछ और बातें। इसमें सबसे अहम है उनका निर्भीक स्वभाव और खरी बातें कहने का साहस। इस क्रम में वे कई बार दुस्साहस भी कर जाते हैं। ऐसे व्यक्ति क्रोधित बहुत जल्दी होते हैं। हालांकि  जितनी जल्दी इन्हें गुस्सा आता है उतनी ही जल्दी उतर भी जाता है। गर्म स्वभाव के कारण ये तुनक मिजाज भी बन जाते हैं।  यदि ऐसे व्यक्ति अधिकारी होते हैं तो अपने सहायकों के बीच शीघ्र अलोकप्रिय हो जाते हैं। कभी-कभी मित्रों तक का अपमान कर देने के कारण अलग-थलग भी पड़ जाते हैं। ऐसे व्यक्ति  संघर्षशील होते हैं परंतु  कभी–कभी  करुणा  से  जरूरत से ज्यादा  द्रवित  भी हो जाते हैं। प्रेम के क्षेत्र  में  अधिकतर असफल रहते हैं। जिस पर विश्वास  करते हैं उस पर सर्वस्व न्योछावर करने में हिचकिचाते नहीं।

साधारण कुल में जन्म लेकर उच्च पद पर पहुंचने की क्षमता

ऐसे जातक में साधारण कुल में जन्म लेकर उच्च पद पर पहुंचने की क्षमता होती है। इनके नेतृत्व में राज्य और समाज प्रगति करता है। अपने जाति-समाज में श्रद्धा की दृष्टि से देखे जाते हैं। धार्मिक मामलों में लचीला और सामाजिक रूढ़ियों के प्रति विद्रोही विचार रखते हैं। हाथ में पैसे हों तो दान देने में हिचकिचाते नहीं हैं। इनकी विज्ञान संबंधी कार्यों में दिलचस्पी होती है। कठिन कार्यों को करने में सदा तत्पर रहते हैं। ऐसे लोगों को सफलता अपनी बुद्धि और प्रतिभा के बल पर मिलती है। हालांकि उनके जीवन की विडंबना है कि उत्थान के साथ पतन का क्रम बना रहता है। इनकी सबसे बड़ी कमी एकदम क्रोधित होना होता है। इससे इन्हें कई बार नुकसान भी उठाना पड़ता है। कला,  विज्ञान, संगीत और ज्योतिष में रुचि रहती है। नीचे पढ़ें राशियां बताती हैं मनुष्य की जन्मकुंडली के साथ ही ग्रहों के बारे में भी।

मेष लग्न वाले जातक के ग्रहों का महत्व

मेष लग्न में जन्म लेने वाले की कुंडली में सूर्य विद्या, बुद्धि एवं संतान के स्वामी होते हैं। वे कारक ग्रह होते हैं। प्रतियोगिता परीक्षाओं में सफलता, राज्य से सम्मान व सत्ता प्राप्ति के जिम्मेदार हैं। ऐसे जातक के चंद्रमा माता, भूमि, भवन एवं घरेलू सुख के स्वामी होते हैं। वे भी कारक ग्रह हैं। मंगल  लग्नेश होकर शारीरिक स्वास्थ्य,  सौंदर्य, आयु एवं जीवन में उन्नति के कारक बनते हैं। वे भी कारक ग्रह होते हैं। बुध छोटे भाई, पराक्रम, रोग एवं शत्रु के स्वामी होकर अकारक होते हैं। बृहस्पति भाग्य, धर्म,  उच्च शिक्षा, बाहरी  स्थानों से संपर्क एवं खर्च के स्वामी होकर कारक होते हैं। शुक्र धन, कुटुंब, पत्नी और दैनिक व्यवसाय के स्वामी हैं। ये अकारक होते हैं। कमजोर हुए तो पत्नी के धन और सुख में कमी होती है। शनि पिता, राज्य, रोजगार, बड़े भाई एवं आय के स्वामी होते हैं। वे अकारक होते हैं।

क्रमशः (कल पढ़ें वृष राशि के जातक के बारे में)

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