होली का पर्व शुरू हो गया, उठाएं फायदा न करें ये काम

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प्याज और लहसुन अमृत समान, फिर व्रत में परहेज क्यों
प्याज और लहसुन अमृत समान, फिर व्रत में परहेज क्यों।

The festival of Holi has started, take advantage : होली का पर्व शुरू हो गया है। आप भी इसका फायदा उठाएं। ध्यान रहे कि इन दौरान भूलकर भी कुछ कार्य नहीं करें। यूं तो होली (दुलहंडी) 29 मार्च को है। उसी दिन लोग रंग-गुलाल से खेलेंगे लेकिन शास्त्रों के अनुसार यह आठ दिन पूर्व ही शुरू हो जाता है। इस तरह देखें तो यह कुल मिलाकर नौ दिन का पर्व हुआ। यह समय आध्यात्मिक चेतना जगाने और मंत्रों को सिद्ध करने के लिए बहुत ही उपयुक्त है। सांसारिक रूप से देखें तो यह शुभ कार्य के लिए वर्जित समय है। इस दौरान कोई भी मांगलिक कार्य करना उचित नहीं है।

होलाष्टक के आठ दिन हैं खास

होलिका दहन के बारे में सभी जानते ही हैं। भक्त प्रह्लाद को मारने की कोशिश फाल्गुन शुक्ल अष्टमी को ही शुरू हुई थी। आठ दिन बाद होलिका दहन हुआ। इन्हें होलाष्टक कहते हैं। फिर हिरण्यकश्यप भी मारा गया। नौवें दिन रंगों खेलने की परंपरा है। दूसरी कथा के अनुसार फाल्गुन शुक्ल अष्टमी को कामदेव को शिव ने भस्म कर दिया था। कामदेव देवताओं के अनुरोध पर जगत कल्याण के लिए शिव की तपस्या भंग करने की कोशिश कर रहे थे। उनके भस्म होने से तीनों लोक शोक में डूब गया था। ज्योतिष के हिसाब से देखें। इन आठ दिनों में ग्रह उग्र रहते हैं। अष्टमी को चंद्रमा, नवमी-सूर्य, दशमी-शनि, एकादशी-शुक्र, द्वादशी-बृहस्पति, चतुर्दशी-मंगल और पूर्णिमा को राहु उग्र रहते हैं। अतः इस दौरान शुभ कार्य शुरू करने पर सफलता संदिग्ध रहती है। हालांकि यह साधना के लिए श्रेष्ठ माना जाता है। इसमें सफलता शीघ्र मिलती है।

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साधना का अनुकूल समय, ऐसे उठाएं फायदा

होली का पर्व शुरू हो गया है। यह साधना का अनुकूल समय है। इस दौरान उपयोगी मंत्र का अनुष्ठान करें। कोशिश हो कि उसका इसी अवधि में समापन हो जाए। यदि ऐसा कर लें तो सफलता निश्चित मिलती है। यदि किसी मंत्र को इस अवधि में तय संख्या के पूरा नहीं हो तो शाबर या किसी ऐसे मंत्र जिनका आप रोज जप करते हैं, को चुनें। उनका यथासाध्य अधिक से अधिक संख्या में जप कर लें। ठीक से जप करने पर दोनों मंत्र आपके लिए फलदायी हो जाएंगे। इस दौरान आध्यात्मिक चेतना जगाने, शक्ति अर्जित करने तथा इसी तरह की मनोकामना पूर्ति के लिए अनुष्ठान भी कर सकते हैं। तांत्रिक और साधक इस अवधि को बड़े अवसर के रूप में लेते हैं। सिर्फ भौतिक सुख व सांसारिक उपयोग वाले कार्य में इस दौरान संयम बरतें।

भूल कर भी नहीं करें ये काम

होलाष्टक में सामान्य रूप से शुभ कार्य वर्जित होता है। विवाह, नामकरण एवं मुंडन संस्कार नहीं करने चाहिए। सकाम यज्ञ एवं हवन से भी परहेज करें। भवन निर्माण की शुरुआत, वाहन की खरीद एवं किसी को शुभ कार्य के लिए उपहार आदि खरीदने एवं देने से भी बचें। यदि संभव हो तो इस दौरान नई नौकरी ज्वाइन करने से बचें। यदि बहुत जरूरी हो तो किसी योग्य मंडित से तिथि की गणना अवश्य करा लें। ध्यान रहे कि होली का पर्व शुरू हो चुका है। होलाष्टक 21 मार्च को लग गया है। यह 28 मार्च तक रहेगा। 29 मार्च को होली है। इस दौरान गृहप्रवेश, रोजगार व व नया कारोबार या उसके लिए प्रयास शुरू करने से बचें। पहले से काम कर रहे लोगों पर कोई रोक नहीं हैं।

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