Today is the first Monday of Sawan 2021 in very auspicious yoga : अत्यंत शुभ योग में सावन 2021 का पहला सोमवार आज। पूरे सावन माह को भोलेनाथ की पूजा-उपासना के लिए श्रेष्ठ माना जाता है। इस बार अत्यंत शुभ योग में सावन का प्रारंभ हो रहा है। पहला सोमवार भी शुभ योग में बन रहा है। चंद्र मास के अनुसार सावन के पहले दिन बुधादित्य योग बन रहा है। पहले सोमवार को गजकेसरी योग होगा। ये दोनों दिन अत्यंत शुभ हैं। इस दौरान पूजा-पाठ समेत कोई भी शुभ कार्य शुरू करने पर अच्छा फल मिलता है। भोलेनाथ की कृपा पाने और मनोकामना पूर्ति के लिए आप चाहें तो महीने भर का कोई अनुष्ठान शुरू कर सकते हैं। यह अनुकूल समय है। अतः इसमें आसानी से सफलता मिल जाएगी।
पहले सोमवार को गजकेसरी योग
इसमें सोमवार का विशेष महत्व है। इस दिन व्रत और पूजा का विशेष फल मिलता है। इस बार पहले सोमवार को शानदार गजकेसरी योग बन रहा है। बृहस्पति पहले से कुंभ राशि में गोचर कर रहे हैं। यद्यपि वे वक्री दशा में हैं लेकिन शुभ ग्रह होने से वे शुभ फल ही देंगे। सावन के पहले सोमवार, अर्थात 26 जुलाई चंद्रमा भी इस राशि में आएंगे। चंद्रमा और बृहस्पति की युति बनने से गजकेसरी योग होता है। यह अत्यंत शुभ माना जाता है। विशेष रूप से शिक्षा, व्यापार एवं रोजगार संबंधी कार्य के लिए यदि प्रयास किया जाए तो अवश्य सफलता मिलती है। इस निमित्त अनुष्ठान शुरू करना भी अत्यंत फलदायी माना जाता है।
सावन के पहले दिन रविवार को बुधादित्य योग
इस बार अत्यंत शुभ योग में सावन का पहले दिन भी बीता। रविवार 25 जुलाई को सावन प्रारंभ हो चुका है। इस दिन बुध ग्रह का राशि परिवर्तन हुआ है। उन्होंने दिन में 11 बजकर 31 मिनट पर मिथुन राशि से कर्क राशि में प्रवेश किया है। इसमें सूर्य पहले से गोचर कर रहे हैं। दोनों की युति बनने से बुधादित्य योग बन रहा है। यह राजयोग कारक है। सफलता पाने के लिए अत्यंत अनुकूल समय है। इस दौरान कार्य प्रारंभ करने पर उच्चकोटि की सफलता मिलती है। मात्र इतना ध्यान देना है कि इस दौरान क्रोध और अहंकार का त्याग करें और विरोधियों से सावधान रहें। फिर भगवान शिव की उपासना करने पर उनकी कृपा अवश्य मिलेगी और अपेक्षित सफलता प्राप्त कर सकेंगे।
चार सोमवार, इन वस्तुओं का करें परहेज
इस वर्ष सावन में चार सोमवार पड़ रहा है। पहला सोमवार 26 जुलाई को है। दूसरा दो अगस्त और तीसरा नौ अगस्त को है। सावन का चौथा व अंतिम सोमवार 16 अगस्त को है। इस माह सात्विक भोजन करते हुए भगवान शिव का ध्यान, पूजन, उपासना और व्रत करना चाहिए। उनके प्रिय वस्तुओं के बारे में तो सब जानते ही हैं। दूर्वा, बेलपत्र, भांग, धतूरा, कनेर का फूल आदि से पूजा शुभ माना जाता है। जलाभिषेक में सामान्य जल भी चलता है। यदि इसमें गंगा जल उपलब्ध हो तो सर्वश्रेष्ठ है। दुग्धाभिषेक का भी काफी महत्व है। साथ ही ध्यान रखें कि भोलेनाथ को हल्दी नहीं चढ़ाया जाए। इस दौरान संभव हो तो भोजन में से बैंगन और दूध को हटा दें। अत्यंत शुभ योग में प्रारंभ हो रहे सावन का इस बार भरपूर लाभ उठाएं।
यह भी पढ़ें- भगवान शिव की उपासना का महीना सावन