Tulsidas reveals many secret of universe : तुलसीदास ने खोले ब्रह्मांड के कई रहस्य। पिछले लेख में मैंने बताया था कि रामचरित मानस में उन्होंने 49 तरह के पवन का रहस्य उजागर किया है। हनुमान चालीसा में उन्होंने सदियों पहले सूर्य से पृथ्वी की दूरी की सटीक जानकारी लिख दी थी। वैज्ञानिक उसके लंबे समय के बाद ही इसका अनुमान लगा सके। सामान्य लोगों के लिए तुलसीदास का यह रहस्योद्घाटन आश्चर्य का विषय है। सनातन धर्म-संस्कृति और ज्ञान को जानने वालों के लिए यह सामान्य है। ऋषि-मुनियों ने हजारों वर्ष पहले ब्रह्मांड के गूढ़ रहस्यों को सुलझा लिया था। उन्होंने उसे वेद, पुराण, उपनिषद जैसे ग्रंथों में सुरक्षित रख भी दिया था। विदेशी आक्रांताओं ने अधिकतर ग्रंथों और शिक्षा के स्रोत को नष्ट कर दिया है। फिर भी जो उपलब्ध है उसे भी पढ़ने और समझने वाला महान विद्वान बन जाता है। तुलसीदास निर्विवाद रूप से विद्वान थे।
हनुमान चालीसा की महिमा अपरंपार
Tulsidas reveals many secret of universe : तुलसीदास ने खोले ब्रह्मांड के कई रहस्य। पिछले लेख में मैंने बताया था कि रामचरित मानस में उन्होंने 49 तरह के पवन का रहस्य उजागर किया है। हनुमान चालीसा में उन्होंने सदियों पहले सूर्य से पृथ्वी की दूरी की सटीक जानकारी लिख दी थी। वैज्ञानिक उसके लंबे समय के बाद ही इसका अनुमान लगा सके। सामान्य लोगों के लिए तुलसीदास का यह रहस्योद्घाटन आश्चर्य का विषय है। सनातन धर्म-संस्कृति और ज्ञान को जानने वालों के लिए यह सामान्य है। ऋषि-मुनियों ने हजारों वर्ष पहले ब्रह्मांड के गूढ़ रहस्यों को सुलझा लिया था। उन्होंने उसे वेद, पुराण, उपनिषद जैसे ग्रंथों में सुरक्षित रख भी दिया था। विदेशी आक्रांताओं ने अधिकतर ग्रंथों और शिक्षा के स्रोत को नष्ट कर दिया है। फिर भी जो उपलब्ध है उसे भी पढ़ने और समझने वाला महान विद्वान बन जाता है। तुलसीदास निर्विवाद रूप से विद्वान थे।
पृथ्वी से सूर्य की दूरी पर चालीसा का दोहा
हनुमान चालीसा की 18वीं चौपाई में तुलसीदास जी ने साफ लिखा है।
जुग सहस्र जोजन पर भानू।
लील्यो ताहि मधुर फल जानू।
अर्थात- सूर्य एक युग सहस्र योजन पर स्थित है। उसे हनुमान जी ने मीठा फल समझ कर निगल लिया। वास्तव में यह दोहा वैदिक गणित और वैज्ञानिक शोध का शानदार उदाहरण है। दोहे को सूत्र वाक्य के रूप में लेकर विश्लेषण करें। इसके लिए दोहे के हर एक शब्द को अलग-अलग कर उसके आधार पर गणना करें।
जुग (एक युग) –—–12 हजार वर्ष
सहस्र (एक हजार)—-एक हजार
जोजन (एक योजन)——–आठ मील अर्थात 12.8 किलोमीटर
अब इन्हें मिलाएं। 12 हजार गुना एक हजार गुना 12.8 किलोमीटर बराबर 15,36,00,000 हुआ। अर्थात यह दूरी 15 करोड़ 36 लाख किलोमीटर हुई। जबकि इस दोहे के लिखने के लंबे समय बाद वैज्ञानिक के बारे में जान पाए। इसीलिए कहा है कि तुलसीदास ने खोले ब्रह्मांड के कई रहस्य।
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