चक्की की तरह घूमने वाला अनोखा शिवलिंग

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चक्की की तरह घूमने वाला अनोखा शिवलिंग
चक्की की तरह घूमने वाला अनोखा शिवलिंग।

unique shivling that rotates like chakki : चक्की की तरह घूमने वाला अनोखा शिवलिंग। विश्व का यह इकलौता शिवलिंग भक्ति व कौतुहल का बड़ा केंद्र है। इस शिवलिंग को भक्त अपनी सहूलियत के अनुसार किसी भी दिशा में घुमा सकते हैं। घूमने वाले शिवलिंग के कारण यह मंदिर लोगों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। यहां आने वाले भक्तों की मनोकामना भी पूरी होती है। इसलिए यहां अक्सर दर्शनार्थियों की भीड़ लगी रहती है।

खास हैं गोविंदेश्वर महादेव

गोविंदेश्वर महादेव खास हैं। आमतौर पर शिवालयों में शिवलिंग की जलहरी का मुख उत्तर दिशा की ओर होता है। कुछ स्थानों पर दक्षिण मुखी शिवलिंग भी देखने को मिलते हैं। लेकिन यह शिव मंदिर इन सबसे अलग है। मध्य प्रदेश के श्योपुर में स्थित है यह शिव मंदिर। गोविंदेश्वर महादेव शिवालय में दुनिया का सबसे अनोखा शिवलिंग है। इसकी खासियत है कि भीड़ रहने पर भक्त को परेशान होने या इंतजार करने की जरूरत नहीं है। वे इसे अपनी सहूलियत के अनुसार किसी भी दिशा में घुमा सकते हैं। यानी यह शिवलिंग चारों दिशाओं में घूमता है।

धुरी पर घूमता है शिवलिंग

चक्की की तरह घूमने वाला यह अनूठा शिवलिंग श्योपुर के छार बाग मोहल्ला स्थित अष्टफलक की छतरी में है। शिवलिंग को इस तरह से बनाया गया है कि वह अपनी धुरी पर चारों तरफ घूम सकता है। भक्त अपनी इच्छा के अनुसार इस शिवलिंग की जलहरी को दिशा देकर भोलेनाथ को रिझाते हैं। कई भक्त पूजा के दौरान इसे चारों ओर घुमाकर जल या दूध चढ़ाते हैं। यहां आने वाले भक्तों की मनोकामना पूरी होती है। उनका भोले बाबा में अगाध विश्वास है।

294 साल पहले का है शिवलिंग

यह शिवलिंग करीब तीन सौ साल पुराना है। इसकी स्थापना श्योपुर के गौड़ वंशीय राजा पुरूषोत्तम दास ने कराई थी। उन्होंने इस घूमने वाले शिवलिंग की प्राण-प्रतिष्ठा सन् 1722 में करवाई थी। इसका उल्लेख इस मंदिर में लगे शिलापट्ट पर भी अंकित है। चक्की की तरह घूमने वाले ऐसे शिवलिंग को बनाने की वजह स्पष्ट नहीं है। फिर भी अपनी अनोखी खूबी के कारण यह लोगों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।

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