व्रत करना क्यों है आवश्यक, जानें कैसे होता फायदा

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मात्र संयोग नहीं किसी से मिलना, इसके पीछे होते हैं कारण
मात्र संयोग नहीं किसी से मिलना, इसके पीछे होते हैं कारण।

Why is fasting necessary, know how to useful : व्रत करना क्यों है आवश्यक? जानें कैसे होता है इससे फायदा? चैत्र नवरात्र शुरू हो गया है। बड़ी संख्या में लोग इस दौरान व्रत करते हैं। इसके साथ ही कई अन्य पर्व-त्योहारों पर व्रत करने की परंपरा है। यह हमारी धर्म-संस्कृति का अभिन्न अंग है। ऐसे में यह विचारणीय है कि उत्सव के माहौल में व्रत क्यों? जब अधिक से अधिक मस्ती करनी चाहिए, तब प्रतिबंधित सा जीवन जीने का क्या औचित्य है? आज इसी सवाल का जवाब लेकर मैं आया हूं। पहले इसके आध्यात्मिक पहलू पर चर्चा करूंगा। फिर बताऊंगा कि इसका हमारे शरीर और मन पर क्या और कैसे असर होता है?

व्रत का आध्यात्मिक महत्व

नशीली वस्तुओं के असर को तो सभी जानते हैं। वे मस्तिष्क को नशे में डूबो कर उसकी स्वाभाविक क्षमता में कमी ला देते हैं। यही काम बदले रूप में अनाज भी करते हैं। अनाज में भी नशा होता है। कई दिनों के फलाहार के बाद जब व्रती अन्न खाते हैं तो आलस सा होता है और नींद सी छा जाती है। वे गहरी नींद में सोते हैं। ऐसा होने का कारण अन्न में मौजूद मादकता है। अन्न अनेक प्रकार के ऐसे पार्थिव गुणों से युक्त होता है। जब यह शरीर के संपर्क में आता है तो और बलशाली हो जाता है। यह सहज है कि भोजन के बाद लोगों को खेलना, घूमना-फिरना, सोना आदि करते हैं। उनमें काम, क्रोध, लोभ, मोह आदि बढ़ता है। पेट खाली हो तो इस ओर कम ध्यान जाता है। शरीर और मन हल्का लगता है।

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आध्यात्मिक विचार व शक्ति को व्रत से मिलती है मदद

व्रत करना क्यों है आवश्यक को जानने के लिए अध्यात्म को जानना होगा। ऋषियों ने अन्न के शरीर और मन प्रभाव को जाना। साथ ही खाली पेट या कम भोजन करने पर शरीर व मन की स्थिति को महसूस किया। इसके बाद ही उन्होंने व्रत या उपवास पर बल दिया। यह पाया गया है कि व्रत विषय निवृत्ति का अचूक माध्यम है। इस तरह से इंद्रियों पर विजय पाना आसान होता है। आप खुद देखें कि मांस, मदिरा आदि के सेवन करने वाले में सामान्य रूप से काम, क्रोध आदि का वेग ज्यादा होता है। जबकि सात्विक भोजन करने वाले ज्यादा सहनशील होते हैं। उनमें आवेग तुलनात्मक रूप से कम होता है। ऐसे में आध्यात्मिक शक्ति को जगाना संभव होता है।

चिकित्सा विज्ञान से भी स्वीकार किया उपवास का मह्तव

चिकित्सा विज्ञान ने भी व्रत के महत्व को स्वीकार किया है। पाचन क्रिया, निद्रा चक्र, ब्लड प्रेशर, हृदय, वजन आदि को नियमित रखने में व्रत अत्यंत कारगर है। हालांकि डाक्टर व्रत-उपवास के तरीके से पूरी तरह से सहमत नहीं हैं। लेकिन इसे उनकी कम समझ मानना चाहिए। वैज्ञानिक भी स्वीकार करते हैं कि विज्ञान अभी शैशव अवस्था में है। उसके पास कई बातों का जवाब नहीं है। दूसरी ओर भारतीय धर्म-संस्कृति अपने चरम पर पहुंच गई थी। विदेशी आक्रांताओं के प्रकोप से उसका काफी नुकसान हुआ है। इस वजह से उसमें कई अंधविश्वास फैल गए हैं। धर्म के धंधेबाज पोंगापंथिय़ों ने इसे और हवा दी है। फिर भी यह सत्य है कि मूल स्वरूप अभी भी सर्वश्रेष्ठ है। सालों से व्रत करने वाले कई साधक जगह-जगह मौजूद हैं। आशा है कि आपने समझ लिया होगा कि व्रत करना क्यों है आवश्यक।

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