बगलामुखी की उपासना अत्यंत कल्याणकारी

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बगलामुखी की उपासना अत्यंत कल्याणकारी
बगलामुखी की उपासना अत्यंत कल्याणकारी।

Worship of Baglamukhi is extremely beneficial : बगलामुखी की उपासना अत्यंत कल्याणकारी है। इससे हर काम में सफलता मिलती है। मनोकामना की पूर्ति से लेकर सर्वसिद्धि तक प्राप्त की जा सकती है। आमतौर पर लोग इन्हें शत्रुनाश और स्तंभन के लिए ही कारगर मानते हैं। यह सत्य है कि इन दोनों में इस विद्या की बराबरी कोई और नहीं कर सकता है। साथ ही यह भी नहीं भूलें कि बगलामुखी आठवीं महाविद्या हैं। यह महाशक्ति है। सब कुछ करने व देने में समर्थ हैं। निर्भर इस पर करता है कि लेने वाले की झोली कितनी बड़ी है। मैं अनुभव साझा कर रहा हूं। मैंने पाया है कि जिस कामना से उनकी साधना की जाती है, वह फल अवश्य मिलता है। मैंने मुसीबत में फंसे कई लोगों को मां की उपासना कर मनोवांछित फल पाते देखा है। कुछ छोटे और आसान प्रयोग दे रहा हूं। इससे चमत्कारिक लाभ पाया जा सकता है।

बगला चालीसा का पाठ बेहद उपयोगी

यदि आप किसी समस्या में फंसे हैं तो बगला चालीसा का पाठ शुरू करें। नित्य 11 से 40 पाठ तक करके मनोनुकूल फल पाया जा सकता है। पाठ की संख्या समस्या व मनोकामना पर निर्भर करता है। साथ ही इस भी अहम होता है कि आप पहले स मां की उपासना कर रहे हैं या नहीं। यदि कोई भक्त नित्य तीन बार बगला चालीसा का पाठ करता है तो उसका ठीक-ठाक रहता है। उस पर जल्दी कोई संकट ही नहीं आता है। यदि आ जाए तो ऐसे भक्तों के लिए पाठ की संख्या बढ़ाकर 11 नित्य कर देना पर्याप्त होता है। इतने से ही उसकी मनोकामना भी पूरी हो जाती है। नए पाठ करने वाले को अधिक पाठ करने की आवश्यकता होती है। इससे लिए किसी योग्य पंडित से संपर्क करना चाहिए। ध्यान रहे कि स्वयं पाठ करना लाभकारी होता है। इसमें कम पाठ से काम चल जाता है।

बह्मास्त्र, सहस्रनाम व कवच भी उपयोगी

बगलामुखी की उपासना अत्यंत कल्याणकारी होती है। आप संकट के समय बगला ब्रह्मास्त्र, बगला सहस्रनाम या बगला कवच का पाठ करें तो शीघ्र फायदा मिलता है। इनका नित्य एक बार पाठ करने वाले का पास भी संकट नहीं फटकता। सभी संभव न हो तो किसी एक पाठ भी उपयोगी होता है। सर्व मनोकामना पूर्ण करने वाली मां को विशेष रूप से शत्रु के दमन में सबसे उपयोगी माना जाता है। यह शत्रु भौतिक से लेकर आध्यात्मिक तक हो सकता है। मेरा अनुभव रहा है कि रोग निवारण व दुःख दूर करने में भी इस देवी की उपासना का शीघ्र फल मिलता है। यदि आपके पास समय का अभाव हो तो भरोसेमंद पंडित से अनुष्ठान करवा सकते हैं। ऐसा करने पर पाठ या मंत्र जप की संख्या बढ़ानी होगी। इस बारे में पहले योग्य पंडित की सलाह लें। मुझसे भी मेल पर संपर्क कर सकते हैं।

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एक और अनुभूत प्रयोग

पाठकों के उपयोग के लिए एक अनुभूत प्रयोग दे रहा हूं। कभी भी बेचैनी, डिप्रेशन या किसी भी तरह का दबाव महसूस करें तो इसका प्रयोग कर सकते हैं। बगला चालीसा के निम्न दोहा को 11 बार पढ़ें। इस दौरान सामने एक साफ ग्लास में पानी रख लें। गंगाजल हो तो उत्तम। दोहा पढ़ते समय चम्मच से पानी को हिलाते रहें। फिर इस पानी को पी लें। तत्काल आराम अनुभव करेंगे। यदि किसी दूसरे को समस्या हो तो उसके निमित्त पाठ कर जल दे सकते हैं। दोहा नीचे है।

जय बगला भय हारणी, जय सुमंगल रूप
जय अंबे पीतांबरी, महिमा अमित अनूप।

उपासना से पहले इनका रखें ध्यान

माता बगलामुखी का शुभ दिन बृहस्पतिवार है। मां को पितांबरी भी कहा जाता है। अतः उचित होगा कि उनके भक्त पानी में हल्दी पाउडर मिलाकर स्नान करें। यदि नित्य ऐसा संभव न हो तो कम से कम  पूजा के समय उन्हें पीले वस्त्र, पीला श्रृंगार, पीले फूल, प्रसाद में पीला फल व मिष्ठान्न भेंट करना चाहिए। स्वयं भी पीला भोजन करना अच्छा माना जाता है। यदि साधना कर रहे हों तो ऊपर लिखी बातों का नित्य पालन करें। साथ ही साधना काल में पूर्ण ब्रह्मचर्य का पालन अनिवार्य है। भोजन पीला होने के साथ सात्विक हो। भूमि पर कंबल बिछाकर सोना श्रेष्ठ होगा। उस दौरान स्थान परिवर्तन नहीं करें। ध्यान रहे कि बगलामुखी की उपासना अत्यंत कल्याणकारी। इसका फायदा अवश्य उठाएं।

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