These 32 names of Durga get out of trouble : संकट से उबारते हैं दुर्गा के ये 32 नाम। मां दुर्गा के नामों वाला यह स्तोत्र रामबाण की तरह असरकारक है। चाहे कितना भी बड़ा संकट हो, इसका नित्य पाठ न सिर्फ संकटो को टालता है बल्कि शुभ फल भी दिलाता है। यदि जन्म कुंडली में मृत्यु या समतुल्य कष्ट हो तो भी इसके पाठ से सारे संकट से मुक्ति पाई जा सकती है। दैनिक पाठ करने वालों पर दुख की छाया तक नहीं पड़ती है। माता के भक्तों को अत्यंत कल्याणकारी इस स्तोत्र का नित्य कम से कम तीन बार पाठ करना चाहिए। इसे दैनिक पूजा में शामिल कर लें तो कई तरह की समस्याओं से बचे रहेंगे। प्रेत बाधा एवं आभिचारिक कर्मों से भी यह रक्षा करता है। इसे कई बार सफलतापूर्वक आजमाने के बाद ही आपसे साझा कर रहा हूं। यहां इसके पाठ की विधि एवं प्रयोग की जानकारी दे रहा हूं। खुद प्रयोग करें और माता की कृपा का प्रत्यक्ष अनुभव करें।
गंभीर संकट में इस तरह करें पाठ
यदि किसी गंभीर संकट में फंसे हों तो 40 दिन तक प्रतिदिन 51 बार इस नामावली का पाठ करें। हर संकट से उबारते हैं ये नाम। आप निश्चय ही चमत्कार का अनुभव करेंगे। संकट कम हो तो 21 दिन तक 21-21 बार पाठ करके ही स्थिति को पूरी तरह से अनुकूल बनाया जा सकता है। इस दौरान ध्यान रहे कि पाठ का समय, स्थान और क्रम में फेरबदल नहीं हो। इसके साथ ही इस नामावली को कंपोज कर प्रिंट कराकर या हाथ से लिखकर सोने के स्थान एवं घर और कार्यस्थल (यह आवश्यक नहीं है) में प्रवेश द्वार पर चिपका लें ताकि आते-जाते आपकी नजर उस पर पड़ती रहे। इससे आप पाठ के साथ ही मां दुर्गा का स्मरण कर सकेंगे। यह प्रयोग प्रतिकूल ग्रहदशा को अनुकूल करने में भी अत्यंत प्रभावी होता है।
पाठ के क्रम में दुर्गा के 32 नाम
संकट से उबारते हैं दुर्गा के ये नाम। पाठ के क्रम में ही दुर्गा के 32 नाम नीचे दे रहा हूं। आप चाहें तो दुर्गा सप्तशती में अंत की ओर से दुर्गा द्वात्रिशन्नाम माला शीर्षक में इसे देख सकते हैं।
1) दुर्गा 2) दुर्गातिशमनी 3) दुर्गापद्वनिवारिणी!
4) दुर्गमच्छेदिनी 5) दुर्गसाधिनी 6) दुर्गनाशिनी!!
7) दुर्गतोद्धारिणी 8) दुर्गनिहंत्री 9) दुर्गमापहा!
10) दुर्गमज्ञानदा 11) दुर्गदैत्यलोकदवानला!!
12) दुर्गमा 13) दुर्गमालोका 14) दुर्गमात्मस्वरूपिणी!
15) दुर्गमार्गप्रदा 16) दुर्गमविद्या 17) दुर्गमाश्रिता!!
18) दुर्गमज्ञानसंस्थाना 19) दुर्गमध्यानभासिनी!
20) दुर्गमोहा 21) दुर्गमगा 22) दुर्गमार्थस्वरूपिणी!!
23) दुर्गमासुरसहंत्री 24) दुर्गमायुधधारिणी!
25) दुर्गमांगी 26) दुर्गमता 27) दुर्गम्या 28) दुर्गमेश्वरी!!
29) दुर्गभीमा 30) दुर्गभामा 31) दुर्भगा 32) दुर्गदारिणी!
32 नामों के बाद इसे भी अवश्य पढ़ें
पाठकों की सुविधा के लिए मैंने स्तोत्र के सभी नाम उसी क्रम में दे दिए हैं। आप चाहें तो ऊपर के नाम पढ़कर अंत में निम्न पंक्ति पढ़कर स्तोत्र को पूरा कर सकते हैं। नीचे की पंक्ति से ही स्पष्ट है कि यह नामावली सभी भय से मुक्ति दिलाने वाली है। नामावलिमिमां यस्तु दुर्गामा मम मानव:। पठेत सर्व भयान्मुक्तो भविष्यति न संशयः।
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