Devotee vatsal Shri Krishna performs miracles : भगवान श्रीकृष्ण अद्भुत हैं। वे अक्सर चमत्कार करते हैं। अपने भक्तों पर कृपा बरसाने में कभी देर नहीं करते। कई भक्त मिल जाएंगे जिन्होंने उन्हें प्रत्यक्ष अनुभव किया है। खासकर मथुरा और वृंदावन जाने वाले कई श्रद्धालु उन्हें महसूस करते हैं। ऐसी ही एक कथा एक गरीब ब्राह्मण की है। वृंदावन निवासी वह ब्राह्मण बांके बिहारी का भक्त था। सुबह-शाम मंदिर जाकर बांके बिहारी के दर्शन किए बिना उसे चैन नहीं पड़ता था। उसने मंदिर परिसर के कामों में निस्वार्थ भाव से सेवा की दिनचर्या बना ली थी। खासकर भंडारे में लोग उसकी मदद लेने लगे थे। इस चक्कर में उसका अपना कामकाज लगभग ठप पड़ गया था। वह घर में पत्नी और बच्चों पर भी ध्यान नहीं दे पाता था।
उनके भक्त भी अद्भुत
इसी तरह से समय गुजरता गया। ब्राह्मण की बेटी बड़ी हो गई। एक दिन उसकी शादी भी तय हो गई। जिस दिन की शादी तय हुई। उसी दिन बांके बिहारी मंदिर में विशाल भंडारे का आयोजन किया गया था। उसमें ब्राह्मण की ड्यूटी लगा दी गई। ब्राह्मण परेशान हो गया। वह समझ नहीं पा रहा था कि कैसे मैनेज करे? बेटी की शादी जरूरी है तो भगवान श्रीकृष्ण अद्भुत हैं। उनकी सेवा भी छोड़ी नहीं जा सकती। ब्राह्मण ने सोचा कि अगर यह बात अपनी पत्नी से बताएगा तो वह नाराज हो जाएगी। कहेगी कि कोई क्या अपनी बेटी की शादी भी छोड़ता है? एक दिन तुम भंडारे में नहीं जाओगे तो क्या होगा? भंडारा रुक नहीं जाएगा? कोई और तुम्हारा काम संभाल लेगा। बेटी की शादी दोबारा नहीं होगी। सारी व्यवस्था तुम्हें की देखनी है।
भगवान के लिए छोड़ दी बेटी की शादी
ब्राह्मण परेशान हो गया। वह जानता था कि पत्नी उसे किसी भी हालत में भंडारे में जाने नहीं देगी। वह बेटी की शादी के महत्व को समझता था। लेकिन मन नहीं मान रहा था। उसे लगता था कि भंडारा छोड़कर वह बांके बिहारी के काम से जी चुराएगा। वह ऐसा नहीं कर सकता था। अंततः सब कुछ बांके बिहारी के हवाले कर दिया। शादी के दिन तड़के ही चुपके से मंदिर निकल लिया। सोचा जल्दी से सारा काम निपटा कर शादी में शामिल हो जाऊंगा। भंडारे की सेवा में वह सब कुछ भूल गया। बड़े प्यार से सब को भंडारा खिलाया। यह करते-करते शाम हो गई। फिर उसे बेटी की शादी की याद आई। वह भागते हुए वापस घर वापस पहुंचा। तब तक देर हो चुकी थी। शादी के बाद बेटी विदा होकर जा चुकी थी।
हैरत में पड़ गया ब्राह्मण
वह अपराधी भाव में पत्नी के सामने पहुंचा। पत्नी ने उसे देखते ही कहा कि आओ चाय पी लो। बहुत थक गए होगे। वह पत्नी की बात सुनकर हैरान हो गया। सोचने लगा कि क्या मामला है। कहां वह सोच रहा था कि उसकी अनुपस्थिति से पत्नी उसे बहुत बुरा-भला कहकर जलील करेगी। तरह-तरह के सवाल करेगी। उल्टे वह उसे बहुत थका कहकर प्यार से बात कर रही है। चाय पिला रही है। उसे कुछ समझ नहीं आया। उसने सोचा कि गड़े मुर्दे उखाड़ना से क्या फायदा? जो हो गया सो हो गया। भगवान श्रीकृष्ण अद्भुत हैं। सब उन्हीं की इच्छा है। इसी कारण पत्नी प्यार से बात कर रही है। इससे अच्छी बात क्या है?
श्रीकृष्ण ने दिखाया चमत्कार
कुछ दिनों के बाद बेटी की शादी की तस्वीरें आईं। पूरा परिवार साथ बैठकर तस्वीरें देखने लगा। ब्राह्मण डर रहा था कि अब गड़े मुर्दे उखड़ेंगे। उसके शादी में शामिल न होने की बातें कलह का कारण बनेगी। फिर सोचा कि शादी में तो शरीक हुआ नहीं था। चलो तस्वीरें देखकर जानता हूं कि बेटी की शादी कैसी हुई थी? मगर यह क्या? उसने देखा कि शादी में हर जगह उसकी भी तस्वीर है। सभी अहम मौके पर वह पिता की जिम्मेदारी संभाले हुए है। ब्राह्मण फूट-फूट कर रोने लगा और कहने लगा प्रभु तेरी कैसी लीला है! वो रोता हुआ बिहारी जी के मंदिर पहुँचा। प्रभु चरणों में गिर पड़ा। बोला- भगवान श्रीकृष्ण अद्भुत हैं। मैं जीवन भर आपकी नियमित रूप से सेवा करूंगा।
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