इस बार खरमास 16 दिसंबर 2018 शाम 6.30 बजे से शुरू हो रहा है।इसका पुण्यकाल 14 जनवरी 2019 की रात 2.20 बजे होगा। एक माह तक चलने वाले खरमास के दौरान शादी, मुंडन, उपनयन संस्कार समेत सारे शुभ कार्य बंद रहेंगे।
ग्रह चालों में मान्यता है कि जब सूर्य अपने गुरु बृहस्पति की राशि में चले जाते हैं तो उसे खरमास कहा जाता है। यह समय शुभ कार्यों के लिए वर्जित माना जाता है। गुरु के घर से निकल कर जब सूर्य मकर राशि में चले जाते हैं तो उस दिन को मकर संक्रांति के नाम से जाना जाता है। उस दिन गंगा में या किसी भी सरोवर में स्नान और दान का विशेष महत्व है।
इस दिन तिल का दान सर्वश्रेष्ठ माना गया है। यह भी मान्यता है कि इसी तिथि से ठंड का अंत होने लगता है और गर्मी रोजाना तिल के हिसाब से बढ़ने लगती है। इस अवधि में पितर संबंधी कार्य करने पर ज्यादा पूण्य मिलता है। 22 जनवरी को अग्रहन पूर्णिमा होगा। मुहूर्त चिंतामणि के अनुसार जो पूरे अग्रहन माह स्नान नहीं कर सकता है वह मात्र पूर्णिमा को स्नान कर ले तो पूरे माह के स्नान का फल प्राप्त होता है।
जनवरी में मकर संक्रांति के बाद शुरू होगा विवाह का शुभ मुहुर्त विवाह लग्न 2019