
भूकंप शुरू से मनुष्यों के लिए बड़ा रहस्य भी रहा है और बड़ी चुनौती भी। इस बारे में ऋषियों से लेकर वैज्ञानिकों तक ने काफी काम किए हैं। इसके कारणों को जानने के पहले हमें यह जानना जरूरी है कि हम जिस धरती पर रह रहे हैं वह क्या है! मान लीजिए कि हमारी धरती एक सेब है। तो हम जिस जमीन पर खड़े हैं वह सेब के छिलके के समान ही पतली है। उसके नीचे पिघली हुई आग है। जब कभी यह आग धरती से बाहर आने की कोशिश करती है तो जमीन की प्लेंटें हिलने लगती हैं। इसी कारण भूकंप आते हैं। अब तक इतिहास की सबसे बड़ी तबाहियों में कई भूकंप के कारण ही हुई हैं। यह भी माना जाता है कि पहले दुनिया के सातों महाद्वीप आपस में सटे हुए थे। इनका नाम पैंजिया था। बाद में भूकंप के कारण धरती की टेक्टॉनिक प्लेंटों के हिलने के कारण पैंजिया टूट गया। इसके बाद ही सातों महाद्वीपों का निर्माण हुआ। ग्लोब को देखने के बाद यह बात आसानी से समझ में आ जाती है कि सारे महाद्वीप आपस में जुड़े हुए थे। माना जाता है कि हर साल करीब नौ हजार भूकंप आते हैं जिनमें से अधिकांश हमें मालूम नहीं चलते। या तो ये भूकंप काफी धीमे होते हैं या फिर ऐसी जगहों पर आते हैं जहां जान-माल की कोई क्षति नहीं होती है। जब ये रिहायशी इलाकों में आते हैं तो ही हमें भूकंप का पता चलता है।
दुनिया के बड़े भूकंप
1 नवंबर 1755 : लिस्बन, पुर्तगाल : 70 हजार मौतें हुई थीं। शहर पूरी तरह से बर्बाद हो गया था।
1 सितंबर 1923 : टोकियो, जापान : एक लाख मौतें, 40 हजार लापता
22 मई 1960 : वाल्दिविया, चिली : 20 हजार मौतें, जोरदार सुनामी आई थी
28 जुलाई 1976 : तांगशान, चीन : ढाई लाख मौतें, डेढ़ लाख जख्मी
26 दिसंबर 2004 : सुमात्रा, इंडोनेशिया : तीन लाख मौतें
11 मार्च 2011 : जापान : 15 हजार मौतें, दो लाख लोग प्रभावित
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भारतीय मान्यता है कि पृथ्वी एक विशाल कच्छप (कछुआ) की पीठ पर खड़े दस हाथियों पर टिकी है। यह कछुआ शेषनाग के फण पर है। इनमें से जब भी कोई हिलता है तो भूकंप आते हैं।
नार्स या स्केडिनेवियन की प्रौराणिक कथा के अनुसार भूकंप कलह और बुराई के देवता ‘लोकीÓ के प्रचंड संघर्ष के कारण आता है। लोकी को सुंदरता और प्रकाश के देवता ‘बालडरÓ को मारने के कारण दंडित किया जाता है। लोकी को कसकर बांध कर एक जहरीले सर्प के साथ एक गुफा के अंदर कैद कर दिया जाता है। जहरीला सर्प लोकी के सिर पर जहर छोड़ता रहता है। लोकी के पास उसकी पत्नी ‘सिग्यामÓ सर्प के जहर को झेलने के लिए एक प्याला लिए खड़ी होती है जिससे लोकी के चेहरे पर जहर न टपके। सर्प के जहर से प्याले के भर जाने पर जब सिग्याम प्याला खाली करने के लिए हटती है तब लोकी के चेहरे पर जहर के टपकने से वह झटके से अपना सिरा हिलाता है और जहर से बचने का प्रयास करने के साथ छटपटाता भी है। लोकी के ऐसा करने के कारण धरती के कांपने से भूकंप आता है।
ग्रीक की पौराणिक कथा के अनुसार जब धरती पर कुछ बुरा घटता है तब देवता जीयस दंड के रूप में बिजली उत्पन्न करते हैं, जिससे धरती के कंपित होने से भूकंप की उत्पत्ति होती है।
एक जापानी किंवदंती के अनुसार भूकंप के लिए धरती के अंदर रहने वाली मांजू नामक विशाल कैटफिश (अशल्क मीन) जिम्मेदार हैं।
साभार-आनंद कुमार सिंह