Warning: Invalid argument supplied for foreach() in /home/m2ajx4t2xkxg/public_html/wp-includes/script-loader.php on line 288 14 मार्च से शुरू हो गया होलाष्टक, साधना और उत्सव का है शानदार मौका - Parivartan Ki Awaj
साधना करने और उत्सव मनाने का जोरदार अवसर इस वर्ष 14 मार्च फाल्गुन शुक्लपक्ष अष्टमी होलाष्टक तिथि से आरंभ हो चुका है। इस तिथि से पूर्णिमा तक के आठों दिनों को होलाष्टक कहा गया है। होलाष्टक का यह समय भक्ति की शक्ति का प्रभाव दिखाने का है। पौराणिक कथा के अनुसार प्राचीन काल में हिरण्यकश्यप ने घोर तपस्या करके भगवान विष्णु से अनेक वरदान और शक्ति पा लिए थे। शक्ति के अहंकार में हिरण्यकश्यप ने अनाचार का मार्ग चुन लिया। उसने भगवान विष्णु का विरोध करते हुए खुद को भगवान घोषित कर दिया। विष्णु से अपने भक्त की यह दुर्गति देखी नहीं गई और उन्होंने हिरण्यकश्यप के उद्धार के लिए अपना अंश उसकी पत्नी कयाधू के गर्भ में स्थापित कर दिया, जो बाद में महाभक्त प्रह्लाद के नाम से प्रसिद्ध हुए। प्रह्लाद जन्म से ही ब्रह्मज्ञानी थे। वे हर पल भगवान विष्णु की भक्ति में लीन रहते थे। उन्हें सभी नौ प्रकार की भक्ति प्राप्त थीं।
जानें कि क्या है होलाष्टक
प्रह्लाद की विष्णु भक्ति से उसके अहंकारी पिता हिरण्यकश्यप बहुत नाराज हुआ। प्रह्लाद को विष्णु भक्ति से विमुख करने के उसने सभी उपाय कर लिए। असफल होने पर उसने प्रह्लाद को फाल्गुन शुक्ल पक्ष अष्टमी को बंदी बना लिया और हत्या करने के लिए तरह-तरह के उपाय करने लगा लेकिन भक्त प्रह्लाद विचलित नहीं हुए। अष्टमी से ही प्रतिदिन प्रह्लाद की हत्या करने के अनेक उपाय किए जाने लगे, पर वे हमेशा बच जाते। इन्हीं प्रयासों में सात दिन बीत गए। आठवें दिन अपने भाई हिरण्यकश्यप की परेशानी देख उसकी बहन होलिका (जिसे ब्रह्मा द्वारा अग्नि से न जलने का वरदान था) ने प्रह्लाद को अपनी गोद में लेकर अग्नि में भस्म करने का प्रस्ताव रखा। हर तरफ से निराश हिरण्यकश्यप ने तुरंत हामी भर दी। होलिका जैसे ही प्रह्लाद को गोद में लेकर जलती आग में बैठी, वह स्वयं जलने लगी और प्रह्लाद को कुछ नहीं हुआ। तभी से भक्ति पर आघात हो रहे इन आठ दिनों को होलाष्टक के रूप में मनाया जाता है। इस दौरान किसी भी मंत्र, खासकर शाबर मंत्र की साधना अत्यंत प्रभावी मानी जाती है। बहुत जल्दी और कम मेहनत में ही सफलता प्राप्त हो जाती है।
नोट- शाबर मंत्र के बारे में इसी वेबसाइट पर विस्तृत जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।