मंत्रों में है अद्भुत शक्ति, विज्ञान जैसे ही प्रभावी

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ऐसे करें मंत्र साधना तो अवश्य मिलेगी सफलता
ऐसे करें मंत्र साधना तो अवश्य मिलेगी सफलता।

Mantras have amazing power, effective as science : मंत्रों में है अद्भुत शक्ति। वे विज्ञान की तरह ही प्रभावी हैं। योग के महत्व को तो दुनिया मान लिया है। मंत्र किसी भी तरह से उससे कम नहीं हैं। इसकी अभी योग जैसी स्वीकार्यता नहीं है। लेकिन यह पूरी तरह से तर्कपूर्ण, वैज्ञानिक और उपयोगी है। वास्तव में यह अपने आप में ही पूरा विज्ञान है। बल्कि यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी कि यह मौजूदा विज्ञान से बहुत आगे का विषय है। हमारे ऋषियों ने इसे बहुत शोध के बाद तैयार किया है। यह मानवता के लिए वरदान है। इसका सही उपयोग हर समस्या से छुटकारा दिला सकता है। साथ ही हमारे हाथ में भूत, वर्तमान और भविष्य की कुंजी थमा सकता है। आप जीवन को मनचाहा रूप दे सकते हैं।  अगले कुछ लेखों में मैं इसी विषय पर चर्चा करूंगा। शुरुआत शब्दों के प्रभाव से।

सामान्य शब्द ही सुखी और दुखी कर देते हैं

सामान्य बातचीत में ही किसी के शब्द हमें और हमारे शब्द दूसरों को प्रसन्न या आहत कर देते हैं। उस के असर से बोलने वाला भी अछूता नहीं रह पाता। कोई अपशब्द कह रहा हो, तो सामने वाले पर नकारात्मक असर पड़ता है। बोलने वाला भी अछूता नहीं रहता है। शब्दों के असर से हमारे संबंध प्रभावित होते हैं। इससे मनोभाव प्रभावित होता है। जाहिर है कि इससे हृदय की गति और ब्लड प्रेशर पर भी असर पड़ता है। वैज्ञानिक शोध से साबित हो चुका है कि संगीत का असर इंसान ही नहीं, पेड़-पौधों पर भी पड़ता है। आमतौर पर शास्त्रीय व मधुर संगीत का बीमार लोगों तथा पेड़-पौधों पर सकारात्मक असर पड़ता है। इसके विपरीत बेसुरी आवाज व अत्यंत तेज वाद्य यंत्रों वाले संगीत का नकारात्मक असर पड़ता है।

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शोध से तैयार मंत्र होते हैं बेहद शक्तिशाली 

मंत्र सामान्य शब्दों की तुलना में काफी शक्तिशाली होते हैं। उनका निर्माण काफी शोध के बाद किया गया है। ऊं को ही लें। यह तीन अक्षर आ ऊ म से बना है। तीनों अक्षरों का धीरे-धीरे और तेजी से अलग-अलग उच्चारण करें। महसूस करेंगे कि आ शब्द से नाभि के पास, ऊ से हृदय के पास और म से मस्तिष्ट में हल्की झनझनाहट (वाइब्रेशन) होती है। अर्थात यह शरीर के उन अंगों को प्रभावित करता है। यह तो सिर्फ दिखने असर है। वास्तविक प्रभाव इससे काफी ज्यादा है। मंत्रों के नियमित व सधे उच्चारण से न सिर्फ शरीर के आंतरिक बल्कि बाहरी वातावरण पर भी सकारात्मक असर पड़ता है। विभिन्न शोध से साबित हो चुका है कि शब्द की गूंज वायुमंडल में अनंतकाल तक रहती है। वायुमंडल में आवाज की गति और रास्ता तय है। आवाज कभी खत्म नहीं होती।

मंत्रों का क्षेत्र अत्यंत सहज और सरल

मंत्र का क्षेत्र बेहद सहज और सरल है। अधिकतर मंत्रों के जप में किसी गुरु के सतत मार्गदर्शन और देखरेख की भी जरूरत नहीं है। इसका फायदा अद्भुत है। मानसिक शांति मिलती है। सकारात्मक शक्ति एवं व्यक्तित्व विकास में इसकी उपयोगिता स्वतः प्रमाणित है। इसका प्रयोग उम्मीद से बेहतर उपलब्धि दिलाता है। सिर्फ कुछ अत्यंत उग्र, खासकर तंत्र से जुड़े मंत्र में गुरु की देखरेख आवश्यक है। कुछ पुजारियों एवं धर्मगुरुओं की ओर से फैलाए जा रहे भ्रम, कि बिना योग्य गुरु की देखरेख में इस क्षेत्र में प्रवेश करना सुरक्षित नहीं है, पूरी तरह से गलत है। सामान्य व्यक्ति भी सुविधा व रुचि के अनुसार किसी मंत्र के जप से इसके फायदे को खुद महसूस कर सकता है। एकाग्रता बढ़ाने, बीमारी दूर करने, संबंधों को मधुर बनाने तथा लोगों में सकारात्मक भावों को बढ़ाने सहित रोजमर्रा के जीवन में मंत्रों का प्रयोग अत्यंत सफल और कल्याणकारी है।

कल के अंक में पढ़ें इसकी अगला कड़ी- मंत्रों के विज्ञान में जाने उसके प्रभाव, उपयोग व पात्रता

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