Yoga is useful in getting rid of obesity : मोटापे से मुक्ति में उपयोगी है योग। आधुनिक जीवनशैली में मोटापा गंभीर समस्या बन गई है। इसका कारण अनियंत्रित जीवनशैली और खान-पान है। विशेषज्ञों की मानें तो यह भविष्य में महामारी का रूप ले लेगा। इसका हल नहीं निकाला गया तो भावी पीढ़ी इससे बुरी तरह से ग्रस्त हो जाएगी। योग में इसका सटीक हल है। जरूरत है थोड़ा समय इसके लिए निकाला जाए। यदि आप रोज टहलते हों और अन्य व्यायाम करते हों तो उसे जारी रखें। साथ ही थोड़ा समय योग के लिए भी निकालें। फिर मोटापे का आप पर न के बराबर असर होगा। मोटापे का सबसे ज्यादा असर पेट व कमर पर होता है। इस दिशा में काम कर लिया तो समझें कि आधी जीत हासिल कर ली। अत: शुरुआत कमर और पेट के आसन से।
पेट और कमर के लिए सूक्ष्म यौगिक क्रियाएं
दंडासन में बैठें। दोनों हाथों को सामने पैर के समानांतर फैलाएं। हथेलियां एक-दूसरे के आमने-सामने हों। फिर हथेलियों को आपस में मिलाते हुए उंगलियों को एक-दूसरे में फंसाएं। कमर को आगे झुकाते हुए दोनों मिले हाथ को सामने पैर के पंजे पर रखें। हाथों को आपसे में मिलाए हुए ही पंजे से पीछे होते हुए दाईं से बाईं ओर घुमाएं। इस दौरान पैर स्थिर रहे। हथेलियां उंगलियों के माध्यम से एक-दूसरे से बंधी रहे। सिर्फ हाथ और कमर पहले आगे फिर पीछे घूमे। हाथों को घुमाने के क्रम में पंजे से लेकर जंघा तक ही लाना है। फिर उसे पंजे तक पहुंचाना है। पांच बार दाएं से बाएं घुमाने के बाद यही क्रिया पांच बार उलटी दिशा में करें। इससे पेट व कमर की चर्बी को नियंत्रित होगी। दोनों के मजबूत बनने में काफी मदद मिलती है। यह मोटापे से मुक्ति में कारगर है।
इससे भी होगा लाभ
दंडासन में दोनों पैरों को एक-दूसरे से थोड़ा दूर ले जाएं। घुटने के पास करीब डेढ़ फीट की दूरी हो। फिर दोनों हाथों को कंधे के समानांतर उठाएं। कमर को कम से कम झुकाएं। तब दाएं हाथ से बाएं पैर के अंगूठे को पकड़ें। इस दौरान बायां हाथ दाएं के समानांतर पीछे की ओर 90 डिग्री के कोण में कंधे से ऊपर की ओर उठेगा। चेहरा, गर्दन और आंखें भी उसी अनुपात में बाईं ओर घूमेगा। नजर बाएं हाथ की उंगलियों पर टिकी रहे। यह क्रिया पांच बार करें। इसके बाद विपरीत दिशा में भी पांच बार क्रिया को संपन्न करें। इससे कमर व पेट की समस्या दूर होती है। बढ़ी हुई चर्बी कम होती है। यदि आप पेट व कमर दर्द से परेशान हैं तो बिना योग्य प्रशिक्षक की देखरेख के इसे न करें।
पीठ, कंधे और हाथों की उंगलियों के लिए
दंडासन में दोनों हाथों को एक-दूसरे की उंगलियों से पकड़ें। हाथ को उठाते हुए सिर से पीछे ले जाएं। सांस को अंदर खींचें। दाएं से बाएं हाथ को दाईं ओर सिर के पीछे खींचें। गर्दन स्थिर रहे। फिर सांस को छोड़ते हुए हाथों को सिर से ऊपर ले जाएं। यही क्रिया दूसरे हाथों के साथ करें। दोनों हाथों से इसे पांच-पांच बार दोहराएं। इससे पीठ, कंधे व गर्दन मजबूत होंगे। हाथों की उंगलियों के लिए दोनों हाथों को कंधे के समानांतर सामने फैलाएं। पंजे नीचे की ओर हों। फिर उंगलियों के पोरों को ताकत लगाते हुए धीरे-धीरे मोड़ें। उसी तरह से सीधा करें। पांच बार इसे करें। आधा मिनट का विश्राम लें। तब हाथ को उसी स्थिति में लाकर पहले अंगूठे को मोड़ें। फिर उंगलियों को बलपूर्वक ऐसे बंद करें जिससे मुक्के जैसी आकृति बने। इसके बाद धीरे-धीरे उन्हें खोलें। यह भी पांच बार करें।
नोट- आपने पढ़ा मोटापे से मुक्ति में उपयोगी है योग। अगले अंक में हृदय रोग और स्पोंडलाइटिस में लाभदायक यौगिक क्रियाओं के बारे में पढ़ें।
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