कोरोना को हराना है तो सकारात्मक रहें

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सर्वार्थ सिद्धि योग में पाएं मनचाही सफलता
सर्वार्थ सिद्धि योग में पाएं मनचाही सफलता

Be positive if you want to defeat corona : कोरोना को हराना है तो सकारात्मक रहें। सिर्फ सकारात्मक ताकत से ही कोरोना का खात्मा संभव है। इसके लिए योग, ध्यान, प्रार्थना, मंत्र जप, कृतज्ञता, प्रेम, करुणा आदि सर्वश्रेष्ठ तरीके हैं। यह बात मैं यूं ही नहीं कह रहा। इसके ठोस वैज्ञानिक कारण हैं। इन तरीकों का हमारे शरीर, मन और ब्रह्मांड पर सीधा सकारात्मक असर पड़ता है। इससे न सिर्फ हमारी बल्कि प्रकृति की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। व्यक्ति एक अलग स्तर पर चला जाता है। आइए इस पर विस्तार से चर्चा की जाए।

सकारात्मकता की तरंगें कोरोना पर भारी

विश्व की हर वस्तुएं एवं घटनाएं तरंगों से संचालित हैं। कोविड-19 (कोरोना) के वायरस 5.5 हर्टज फ्रीक्वेंसी पर तरंगित हैं। यदि इसे काफी उच्च तरंगों से टकराया जाए तो यह बिखर (खत्म हो) जाता है। धरती की सामान्य तरंग गति 27.5 हर्टज है। यही कारण है कि वायरस खुली हवा में ज्यादा समय तक रह नहीं पाता। उसे जीवित रहने या आगे बढ़ने के लिए किसी माध्यम की जरूरत होती है। शरीर में नकारात्मक भाव रहने पर तरंगें बहुत निचले स्तर पर चली जाती है। डर, चिंता, तनाव, ईर्ष्या, गुस्सा, नफरत आदि भावनाएं इसके प्रमुख कारक हैं। ऐसे में शरीर कोरोना वायरस के लिए उपयुक्त माध्यम बन जाता है। इसके विपरीत सकारात्मकता की स्थिति में तरंगों का स्तर काफी बढ़ जाता है। योग, ध्यान, प्रार्थना, मंत्र जप आदि में तो तरंगें चरम पर पहुंच जाती हैं। अतः कोरोना को हराना है तो सकारात्मक रहना होगा।

नकारात्मक गतिविधियों से दूरी बनाएं

कोरोना के खात्मे के लिए नकारात्मक गतिविधियों से दूरी बनाएं। ताकि मन से नकारात्मक भाव कम स कम हो। अर्थात-डर, चिंता, तनाव, गुस्सा, घृणा जैसे विचार से खुद को मोड़ें। इसके लिए लगातार कोरोना के दुष्प्रभाव वाली खबरें सुनना, देखना और पढ़ना बंद कर दें। नकारात्मक बातें करने वाले लोगों से भी दूरी बनाएं। बातचीत जरूरी हो तो भी उन्हें आगाह कर दें कि आपसे उस तरह की बातें न करें। खुद को सकारात्मक कार्यों में व्यस्त रखें। यदि कोई शौक है तो इस दौरान उसे पूरा करने की कोशिश करें। मनपसंद गाने सुनना, अच्छी पुस्तकें पढ़ना, योग, ध्यान, आसन, पूजा और प्रार्थना में खुद को व्यस्त रखना आपको सकारात्मक बनाएगा। इससे आपके अंदर की तरंगें बहुत बढ़ जाएंगी। कोरोना वायरस आपको पहुंचाए बिना खुद खत्म हो जाएगा।

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योग, प्राणायाम, जप व प्रार्थना से चरम पर पहुंचती हैं तरंगें

योग, ध्यान, आसन, पूजा-पाठ, मंत्र जप और प्रार्थना से अलौकिक ऊंचाई पर तरंगें पहुंच जाती हैं। तरंगों की उस ऊंचाई पर कोरोना के वायरस का जीवित रहना संभव ही नहीं है। ऐसे समय में हवन भी बहुत उपयोगी है। इससे प्रकृति को ताकत मिलती है। आपके आसपास का माहौल उच्च स्तर पर तरंगित हो जाता है। ऐसे में वायरस का वहां प्रवेश कठिन हो जाता है। मोटे अनुमान के अनुसार उस समय तरंगों का स्तर 350 हर्टज को पार कर जाता है। सामान्य सकारात्मक गतिविधियों में भी तरंगों का स्तर 100 हर्टज को पार कर जाता है। मनपसंद गाने सुनना, नृत्य करना, प्रेम की भावना, उदारता, जरूरतमंद को मदद जैसी प्रक्रिया भी 100 हर्टज से ऊपर की तरंगें उत्पन्न करती हैं। इसमें कोरोना वायरस का टिक पाना बेहद कठिन होता है।

सामूहिक प्रयास से व्यापक फायदा होगा

कोरोना को हराना है तो सामूहिक प्रयास करना होगा। निजी प्रयास से जहां हम खुद को सुरक्षित रख सकते हैं, वहीं सामूहिक प्रयास से कोरोना वायरस के जड़ पर चोट किया जा सकता है। यदि सामूहिकता में नकारात्मक विचारों को छोड़कर सकारात्मक प्रयास करें तो वायुमंडल में ही उच्च तरंगें बन जाएंगी। इसमें वायरस का टिका रहना संभव नहीं होगा। कोरोना के मौजूदा दौर पर पहले की तरह हवन, यज्ञ, सामूहिक प्रार्थना संभव नहीं है। ऐसे में यदि लोग एक साथ अपने-अपने घर में ही एक ही तरह की प्रार्थना, हवन, मंत्र जप आदि करें तो उच्च तरंगों को बनाया जा सकता है। इससे न केवल बीमार लोग ठीक होंगे, बल्कि वायुमंडल से भी इस वायरस का सर्वनाश निश्चित है। कुछ लोगों ने इस तरह के सामूहिक प्रयास शुरू भी कर दिए हैं। जरूरत है उन्हें गति देने की।

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