गुप्त सप्तशती बेहद उपयोगी, इससे पाएं मनोवांछित फल

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संकट से उबारते हैं दुर्गा के ये 32 नाम
संकट से उबारते हैं दुर्गा के ये 32 नाम।

Gupt saptshati is very useful : गुप्त सप्तशती बेहद उपयोगी है। इसके पाठ से मनोवांछित फल पा सकते हैं। देवी के उपासक दुर्गा सप्तशती के पाठ का महत्व जानते हैं। उसका प्रचलन भी काफी है। लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि गुप्त सप्तशती कई मामलों में उससे भी तेज है। बीज मंत्रों से भरी गुप्त सप्तशती शीघ्र फल देती है। इसकी कुछ विधि है। उसका ध्यान रखें तो कम समय में बेहतर परिणाम पा सकते हैं। इसके लिए जरूरत है सिर्फ भक्ति और नियमितता की। उसका पालन कर मनोकामना की पूर्ति कर सकते हैं। आइए जानें गुप्त सप्तशती के बारे में।

नवरात्रों में अधिक प्रभावी, कभी भी कर सकते हैं पाठ

गुप्त सप्तशती बेहद उपयोगी है। इसका पाठ कभी भी किया जा सकता है। जब भी पाठ करें फायदा निश्चित है। नवरात्रों में इसका पाठ अधिक प्रभावी माना जाता है। साल में चार नवरात्र आते हैं। उस दौरान पाठ करने से बड़ी से बड़ी कामना की पूर्ति संभव है। वैसे इसका सबसे अच्छा उपयोग आध्यात्मिक उन्नति के लिए होता है। इसकी साधना मंत्रों की सिद्धि के लिए भी की जाती है। इसमें कई महत्वपूर्ण बीज मंत्र हैं। उन्हें कम मेहनत में सिद्ध किया जा सकता है। बाद में इनका दैनिक जीवन में शानदार उपयोग किया जा सकता है।

भौतिक और आध्यात्मिक लक्ष्यों की होती है पूर्ति

सिद्धि की प्रक्रिया की विस्तृत जानकारी दुर्गा साधना के विभिन्न लेखों में दे चुका हूं। बेहतर होगा कि इसके लिए पहले संकल्प ले लें। मेरे विचार से आश्विन नवरात्र का समय देवी साधना के लिए बेहद उपयुक्त होता है। उस दौरान भौतिक व पारिवारिक आवश्यकता की पूर्ति के साथ-साथ माता के विस्तृत पूजन, सप्तशती पाठ, हवन आदि ही किया जाना चाहिए। बाकी नवरात्रों में आध्यत्मिक उन्नत्ति एवं मंत्रों की सिद्धि पर ध्यान देना चाहिए। अन्य समय में भौतिक आवश्यकता की पूर्ति के लिए उपासना करनी चाहिए। इसके लिए शुभ मुहूर्त को पहले देख लें। उसी समय में इसकी शुरुआत हो।

दुर्गा सप्तशती जैसा कल्याणकारी गुप्त सप्तशती

दुर्गा सप्तशती जैसी ही कल्याणकारी है गुप्त सप्तशती। इसका पाठ अत्यंत कल्याणकारी है। इसकी उपयोगिता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सात सौ मंत्रों की दुर्गा सप्तशती का पाठ करने पर साधकों को जो फल मिलता है, वैसा ही फल गुप्त सप्तशती के पाठ से मिलता है। बीज मंत्रों से भरपूर होने के कारण गुप्त सप्तशती आत्म-कल्याण के इच्छुक साधकों के लिए अमोघ फलप्रद है। कम मंत्रों के कारण इसका पाठ कम समय में होता है।  इसका फल असर बहुत तेज और प्रभावी होता है। फल दुर्गा सप्तशती की तरह ही है। मेरे कई साधक मित्रों ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया है कि कई बार उन्हें गुप्त सप्तशती ने यह ‘दुर्गा सप्तशती’ की तुलना में बहुत पहले ही फल प्रदान कर दिया है। अतः दैनिक जीवन में व्यस्त रहने वालों के लिए यह अत्यंत उपयोगी है।

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