पीपल शुभ लेकिन घर या परिसर में नहीं लगाएं

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वृक्षों का महत्त्व।
वृक्षों का महत्त्व ।

Peepal is auspicious but do not plant in the house or premises : पीपल शुभ लेकिन घर या परिसर में नहीं लगाएं। यदि स्वयं उग जाए तो सम्मानपूर्वक हटा दें। उसे नष्ट करना भी शुभ नहीं होता है। वैसे तो पीपल की बहुत मान्यता है। धार्मिक रूप से उसका महत्व भी है। उस पर देवी-देवताओं का निवास होता है। कई अवसरों पर उसकी पूजा की जाती है। पर्यावरण के लिहाज से भी उसे काफी उपयोगी माना जाता है। आयुर्वेद में इसकी प्रशंसा की गई है। यह कई बीमारियों में प्रभावी औषधि के रूप में प्रयोग में लाया जाता है। शनिवार को पीपल को जल देने से शनि ग्रह शांत होते हैं। इन गुणों के कारण यह मनुष्य और पर्यावरण दोनों लिहाज से अत्यंत उपयोगी है। यह तो हुई गुण की बात। इस लेख में मैं यह बता रहा हूं कि इसे घर या परिसर में क्यों नहीं लगाना चाहिए?

इसकी छाया में शीतलता लेकिन घर में हो तो निर्जनता

पीपल के पेड़ की छाया शीतलता प्रदान करता है। यह आक्सीजन का भी बड़ा स्रोत है। इसलिए इसे काटना या उखाड़ना अनुचित है। ऐसा करने वाले कई तरह के कष्टों को भोगते हैं। इसके बाद भी इसे पेड़ को घर और परिसर में लगाना या रहने देना अशुभ होता है। इतना ही नहीं यदि पीपल की छाया भी घर पर पड़े तो उससे जुड़ी समस्याएं प्रभावित करती रहती हैं। इसके तहत उस घर में आए दिन क्लेश होता रहता है। वंशवृद्धि पर भी नकारात्मक असर पड़ता है। आए दिन कोई न कोई समस्याएं होती रहती हैं। दांपत्य जीवन के लिए भी यह ठीक नहीं है। यहां तक कि एक समय के बाद वह घर ही निर्जन सा हो जाता है। कुल मिलाकर उस घर से प्रसन्नता दूर हो जाती है। इसलिए कहा है कि पीपल शुभ लेकिन घर या परिसर में नहीं लगाएं।

गमले में लगाने वाले भी हो जाएं सावधान

गमले में भी पीपल को लगाने वाले भी सावधान जाएं। वे दोहरी गलती कर रहे हैं। पीपल को किसी भी रूप में घर या परिसर में लगाना नुकसानदायक है। हालांकि नए परिवेश में घर में गमले आदि में पेड़ लगाने का प्रचलन बढ़ा है। बोनशाई पद्धति के तहत लोग घरों में विशाल पेड़ों के भी छोटे रूप को गमले में सजाने लगे हैं। इसमें वट और पीपल का भी क्रेज है। खासकर पूजा-पाठ, शनि की शांति आदि को देखते हुए लोग गमले में पीपल लगा लेते हैं। यह हर तरह से अशुभ है। इसमें दो नुकसान है। पहला घर और परिसर में लगाने से होने वाला नुकसान। दूसरा पीपल के वृक्ष पर देवताओं और पितरों का वास होता है। उसे ब्रह्म भी कहा जाता है। ऐसे में उसे काट-छांट कर बोनशाई रूप देना सुख का नाश और प्रगति को रोकने वाला होता है।

स्वयं उग जाए तो क्या करें

ऊपर मैंने स्पष्ट कर दिया है कि पीपल शुभ लेकिन घर के आसपास नहीं रहना चाहिए। अब प्रश्न यह है कि यदि पीपल स्वयं उग आए तो क्या करें? उसे सम्मानपूर्वक हटाकर किसी मंदिर परिसर या सार्वजनिक स्थान में लगा देना चाहिए। पीपल को दूसरे स्थान पर लगाने के लिए भी किसी भी दिन उखाड़ा नहीं जा सकता है। इसके लिए रविवार उचित दिन है। उससे एक दिन पूर्व शनिवार को पीपल के पौधे पर जल चढ़ाएं। फिर उनसे दूसरे स्थान पर ले चलने की प्रार्थना करें। इसके बाद रविवार को उखाड़ कर उसी दिन अन्यत्र स्थापित कर दें। ध्यान रखें कि जहां आप उसे लगा रहे हैं, वहां उसके रहने में कोई बाधा नहीं हो। यदि ऐसा संभव न हो तो उसे नदी के बहते जल में विसर्जित भी कर सकते हैं। इसके लिए शनिवार को प्रार्थना में तदनुसार बदलाव कर लें।

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