ऊं के नियमित जप से होता है चमत्कारिक फायदा

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कोरोना से निपटने में उपयोगी हैं ये मंत्र। ये रोग ही नहीं अपितु, तनाव, बेरोजगारी का सामना करने में भी उपयोगी है। इससे न सिर्फ हर तरह की राहत मिलेगी, बल्कि आप और मजबूत बनकर निखरेंगे।
कोरोना से निपटने में उपयोगी हैं ये मंत्र। ये रोग ही नहीं अपितु, तनाव, बेरोजगारी का सामना करने में भी उपयोगी है। इससे न सिर्फ हर तरह की राहत मिलेगी, बल्कि आप और मजबूत बनकर निखरेंगे।।

Regular chanting of Om gives miraculous benefits : ऊं के नियमित जप से होता है चमत्कारिक फायदा। यह महामंत्र है। आध्यात्मिक रूप से यह किसी को भी शीर्ष पर पहुंचाने में तो सक्षम है ही, मानसिक और शारीरिक रूप से भी स्वस्थ और ऊर्जावान बनाने वाला है। जरूरत है सिर्फ उसके नियमानुसार रोज जप करने की। यह मनुष्य को सब कुछ दिला सकता है। इस पर वेबसाइट के अन्य लेखों में मैं संक्षिप्त जानकारी दे चुका हूं। इस बार का लेख ऊं महामंत्र को ही समर्पित है। इसमें पढ़ें ऊं का रहस्य और शरीर व मन पर इसका असर। साथ ही इसकी प्रयोग विधि भी जानें। सबसे पहले ऊं का सामान्य परिचय।

तीन अक्षरों से बना ऊं

ऊं तीन अक्षर अ, उ और म के मेल से बना है। यदि इस शब्दों का अलग-अलग भाव देखें तो अ का अर्थ उत्पत्ति, उ का अर्थ उठना, उड़ना यानि विकास और म का अर्थ मौन मतलब ब्रह्मलीन हो जाना है। वास्तव में यह पूरे ब्रह्मांड का प्रतीक है। शक्ति का स्रोत और सृष्टि की उत्पत्ति से लेकर अंत में उसी में लीन हो जाने की पूरी प्रक्रिया है। इसकी तरंगों की विभिन्न उपयोगिताएं कई शोध से साबित हो चुकी हैं। योग व ध्यान की तरह स्वस्थ जीवन के लिए भी ऊं के नियमित जप का अभ्यास करते रहें।

ऐसे करें जप

यह ध्यान रखना जरूरी है कि ऊं के उच्चारण में तीनों अक्षर अ, उ और म का स्पष्ट उच्चारण हो। अ के उच्चारण में पूरा जोर पेट पर होना चाहिए। वही उसका मूल स्रोत है। पेट पर जोर पड़ने से उसके अवयव सक्रिय होते हैं। उ का स्रोत सीना है। उसके उच्चारण में वहीं जोर पड़ता है। वह अंग सक्रिय हो जाता है। म से मस्तिष्क के अवयव सक्रिय होते हैं। इसमें गले में कंपन होता है। अतः उसके उच्चारण के समय दोनों पर ध्यान केंद्रीत होना चाहिए। एकाग्र होकर इन शब्दों को मिलाकर जब आप ऊं का उच्चारण करेंगे तो शरीर में आंतरिक ऊर्जा और शांति महसूस करेंगे। सूर्योदय और सूर्यास्त के समय खुली हवा में शांत चित्त होकर कुल 35 मिनट तक ऊं का जप करें। यदि इतना समय न हो तो कम से कम दस मिनट अवश्य करें। कुछ ही दिनों में चमत्कारिक फायदा होगा।

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तनाव से मुक्ति देता है ऊं

ऊं के नियमित जप से तेज और चमत्कारिक फायदा होता है। आप कितने भी तनाव में हों कुछ देर एकाग्र होकर जप करते ही मन तनाव मुक्त होकर शांत होने लगता है। तनाव के साथ ही डर, घबराहट, उच्च रक्तचाप आदि में ऊं का जप शीघ्र फायदा करता है। यह शरीर में रक्त प्रवाह को नियमित करने में काफी मददगार है। इसका रोज जप करने वाले की मानसिक क्षमता काफी बढ़ जाती है। याददाश्त में अद्भुत वृद्धि होती है। सीखने की क्षमता भी बढ़ जाती है।

अनिद्रा और थकान की समस्या होती है दूर

यदि आपको अनिद्रा की समस्या है तो इसका नियमित जप करें। कुछ ही दिनों में मन शांत होगा और अच्छी नींद आने लगेगी। नींद पूरी कर उठने से थकान की समस्या भी अपने-आप दूर हो जाएगी। जिन लोगों को हमेशा सुस्ती सी छाई रहती है, उनके लिए यह रामबाण की तरह है। कुछ दिनों में उनकी सुस्ती छूमंतर हो जाएगी। वे ऊर्जा और स्फूर्ति से भरे नजर आने लगेंगे।

पेट और दिन की समस्या में उपयोगी

ऊं के निरंतर जप से पेट और दिल भी दुरुस्त रहता है। इसके उच्चारण में पेट पर जोर पड़ने से उसके सभी अवयव सक्रिय होते हैं। उनमें सकारात्मक बदलाव होने लगता है। परिणामस्वरूप पेट से जुड़ी सारी समस्याएं खत्म होने लगती हैं। पाचन शक्ति बढ़ती है। गैस, पित्त और एसिडिटी की समस्या जड़ से खत्म होने लगती है। लीवर आदि की स्थिति भी मजबूत होती है। इसके साथ ही सीने पर जोर पड़ने से फेफड़ा मजबूत होता है। ब्लड प्रेशर और डायबिडटीज नियमित होने से दिल की स्थिति अच्छी होती है।

याददाश्त, थायरायड और रीढ़ की हड्डी के लिए बेहतर

ॐ का जप याददाश्त, थायरायड और रीढ़ की हड्डी को बेहतर स्थिति में लाता है। ऊं के उच्चारण से मस्तिष्क के अवयव सक्रिय होते हैं। इससे मानसिक क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि होती है। इसका सीधा असर याददाश्त पर भी पड़ता है। गले में कंपन होने से थायरायड  की समस्या दूर होती है। इस कंपन का सकारात्मक प्रभाव रीढ़ की हड्डी पर भी पड़ता है। वह मजबूत होती है और उसकी क्षमता बढ़ जाती है।

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