resolve issues with your partner : पति-पत्नी में अनबन दूर करें। शादी के बाद व्यक्ति का पूरा जीवन अपने जीवनसाथी के साथ ही बीतता है। यदि दोनों का आपसी ताल-मेल अच्छा है तो जीवन बहुत ही सुख-शान्ति से बीतता है। लेकिन अगर किसी भी तरह की समस्या उत्त्पन्न होती है तो वही विवाह बोझ जैसा प्रतीत होने लग जाता है। विवाह में किसी तीसरे व्यक्ति का प्रवेश आज कल के जीवन में बहुत ही बड़ी समस्या बन गयी है। उससे भी बड़ी समस्या है इन सब चीज़ों से निपटना।
निम्न हम कुछ ऐसे प्रयोगों के बारे में बता रहे है जिनके द्वारा पति-पत्नी में अनबन दूर करें। ध्यान देने वाली बात यह है कि इन प्रयोगों को एक सीमा में ही रह कर करें अन्यथा इसका नुकसान भी उठाना पड़ सकता है।
पति-पत्नी में अनबन दूर करें।
अगर आपके जीवनसाथी किसी अन्य के प्रति आकर्षित हैं तो ऐसे में उनको इससे मुक्त करवाने और अपनी ओर आकर्षित करने के लिए नीचे दिए यन्त्र को एक खाली पृष्ट पर बनाएं। इसे बनाते समय दिन का उत्तम होना अति महत्वपूर्ण है। कोशिश करें कि शुक्ल पक्ष के प्रथम शुक्रवार के दिन शुभ मुहूर्त का चयन कर एकांत स्थान पर आसन बिछाकर पश्चिम दिशा कि ओर मुंह करके बैठ जाएं। मुंह में इलायची अथवा कोई अन्य सुगंधित वस्तु रख लें। उसके बाद यन्त्र का चित्र बनाएं। उसके बाद अगरबत्ती का धुआं करें तथा उसके बाद सुविधानुसार उस यन्त्र कि फोटोकॉपी करवा लें। सभी फोटोकॉपी को एक जगह पर रख लें साथ ही मूल यन्त्र को उसके ऊपर रख दें। प्रतिदिन मूल यंत्र के नीचे वाले यंत्र को निकाल लें। मूल यंत्र को पहले की उसके ऊपर रख रख दें। मूल यंत्र के संपर्क में आने से बाकि यन्त्र ऊर्जा युक्त रहते हैं।
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हवन
निकाले गए यन्त्र पर दिए गए तरीके से लिखें ‘मेरा पति—- (रिक्तस्थान में) पति का नाम अमुक महिला—- (रिक्त स्थान में उस महिला का नाम) से दूर हो और (मेरी के साथ स्वयं का नाम लिखे) तरफ आकर्षित हो।’ ऐसा लिखकर कर्पूर युक्त अग्नि से यंत्र को जला दें और उसकी राख को किसी ऐसी जगह डाल दें जहां किसी के पैर ना पड़े। यह प्रयोग 30 या 41 दिन तक नित्य करने से लाभ होता है। यह प्रयोग पुरुष भी अपनी पत्नी के लिए कर सकते हैं। पति-पत्नी में अनबन दूर करें।
अगर आपका साथी किसी और कि वजह से आपका अपमान करता हो तो वह निम्न प्रदार्थो को मिलाकर नित्य हवन करें।
सामग्री- सफेद तिल, कर्पूर, गाय के दूध से बना घी, कच्चे चावल।
इस हवन को नहा-धो कर स्वच्छ कपड़ों में किसी भी समय कर सकते हैं। इस हवन को अपनी नित्य पूजा के बाद भी कर सकते है। हवन में जिन प्रदार्थो को आहुतियां देनी है उनकी मात्रा कम या अधिक हो सकती है। आहुतियां देते समय निम्न लिखित मंत्र का पाठ करते रहें।
मंत्र- कामी, कामप्रदः, कामः कामपालः, हरि:, आनन्दः, माधवः, स्वाहा।।
इस मंत्र की कम से कम 108 आहुतियां प्रतिदिन दें। अंत मे अपने आसन के आगे थोड़ा जल छिड़क कर उसे अपने मस्तक पर लगा लें। निरंतर कुछ दिनों तक ऐसा करने से आपके जीवनसाथी वापस लौट आते हैं। पति-पत्नी में अनबन दूर करें।
नित्य पूजा
अगर किसी का पति या पत्नी किसी अन्य कि ओर आकर्षित हो तो ये उपाय अत्यंत ही कारगर सिद्ध होते हैं। यह उपाय अत्यंत लाभदायक है। आपके साथी का किसी अन्य के प्रति आकर्षण समाप्त करने तथा अपने प्रति आकर्षण बढ़ाने के लिये। अपने जीवनसाथी के किसी कपड़े से धागों को लेकर थोड़ी रूई में लपेटकर दो लंबी-लंबी बत्तियां बना लें। दोनों बत्तियों को एक दीपक में इस तरह लगाएं कि वह चौमुखा दीपक बन जाये। इस दीपक में सरसों का तेल डालकर राई के कुछ दाने डालें। किसी शुक्ल पक्ष के प्रथम गुरुवार से इस चार बत्ती वाले दीपक को सुबह स्नान के बाद पीपल के पेड़ के नीचे जलाएं और हाथ जोड़कर निवेदन करें ‘हे देव मेरे जीवनसाथी को अमुक (अगर नाम पता हो तो नाम की जगह उस स्त्री/पुरुष का नाम लें नही पता हो तो अज्ञात स्त्री/पुरुष कहें) से दूर करें तथा उन्हें मेरी ओर आकर्षित करें।’ इस प्रयोग को लगातार 21 गुरुवार करें।
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