ज्योतिषीय उपाय में सावधानी बरतें, अन्यथा होगा नुकसान

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वास्तु और ग्रहों पर जानें बुध, गुरु और शुक्र के प्रभाव
वास्तु और ग्रहों पर जानें बुध, गुरु और शुक्र के प्रभाव।

Be careful in astrological measures, otherwise losses may occour : ज्योतिषीय उपाय में सावधानी बरतें। अन्यथा नुकसान हो सकता है। कई लोगों ने शिकायत की। सारे उपाय कर लिए समस्या घटने के बदले बढ़ गई। ज्योतिषियों की सलाह बेकार है। ऐसे लोग फर्जी ज्योतिषी के चक्कर में पड़ते हैं। वे समय और धन बर्बाद करते हैं। साथ ही अपनी समस्या बढ़ा लेते हैं। ऐसे लोगों के लिए कुछ जानकारी दे रहा हूं। किसी के भी कहने से कुछ न करें। सिर्फ योग्य लोगों से सलाह लें। यदि संभव न हो तो निम्न जानकारी से समस्या का खुद समाधान करें। 

पहले कुंडली में ग्रहों की स्थिति को देखें

जन्मकुंडली में उच्च के ग्रहों के लिए दान न करें। नीच ग्रहों के लिए पूजा नहीं करें। यह दोनों नुकसानदेह हैं। कुंडली में गुरु दशम या चौथे भाव में हों तो सावधान रहें। मंदिर निर्माण के लिए धन नहीं लगाएं। यह अशुभ फल देगा। फांसी के फंदे तक पर पहुंचा सकता है। गुरु सप्तम भाव में हों तो पीले वस्त्र दान न करें।

चंद्र 12वें भाव में हों तो साधुओं की संगत न करें

साधुओं की संगत को हमेशा अच्छा माना जाता है लेकिन यदि जातक के बारहवें भाव में चंद्रमा हो तो उसके लिए साधुओं की संगत अशुभ फल देने वाली होती है। इससे उसके परिवार की वृद्धि रुक सकती है। दान हमेशा अच्छा माना जाता है लेकिन ध्यान रहे कि यदि सूर्य सातवें या आठवें भाव में हों तो तांबे का दान कभी नहीं करें। अन्यथा धन की हानि होने लगेगी। ज्योतिषीय उपाय में सावधानी जरूरी है।

बिना दीक्षा के मंत्रों का जप हानिकारक

बिना जानकारी के मंत्रों का जप नहीं करें। मंत्रोच्चारण के लिए दीक्षा जरूरी है। दीक्षा में मंत्रों की जप संबंधी जानकारी मिलती है। अशुद्ध और गलत विधि से मंत्र जप में हानि होती है। मंत्र निश्चित समय, संख्या और विधि से हो। इसमें फेरबदल से प्रभाव कम होता है। जप के समय आसन एक हो। जप के बाद कुल मंत्र का दशांश हवन करें। हवन से पूर्ण फल मिलता है।

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सिर्फ वार के अनुसार वस्त्र पहनना अनुचित

कुछ लोग वार (सोम, मंगल आदि) के अनुसार वस्त्र पहनते हैं। वे इसे ग्रहों के अनुरूप मानते हैं। यह सही नहीं है। कुंडली में अच्छे ग्रह के लिए ही वस्त्र पहनें। अशुभ भाव वाले ग्रहों के रंग के वस्त्र न पहनें। इसी तरह बिना उचित जानकारी के रत्न पहनना नुकसानदेह है। जैसे कुंडली में चंद्रमा नीच का है तो मोती पहनने से व्यक्ति अवसाद में आ सकता है।

 

समस्या बढ़ा सकता है पुखराज

अधूरा ज्ञान घातक होता है। इसे पुखराज के प्रयोग से समझ सकते हैं। कई लोग बिना कुंडली देखे पुखराज पहनने की सलाह देते हैं। कई बार इसका उल्टा प्रभाव होता है। बिना जरूरत पुखराज पहनने वाले की शादी में अड़चन आती है। कुंडली में गुरु नीच का, अशुभ प्रभाव में या अशुभ भाव में हो तो पुखराज नहीं पहनना चाहिए। ज्योतिषीय उपाय में सावधानी आवश्यक है।

घर में पौधे लगाने में बरतें सावधानी

आजकल घर में पौधे लगाने का चलन बढ़ा है। कई लोग मनी प्लांट लगाते हैं। उन्हें लगता है कि धन बढ़ेगा। बुध खराब हो तो प्लांट लगाने से बहन-बेटी दुखी रहती हैं। शनि खराब हो तो घर में कैक्टस जैसे कांटे वाले पौधे नहीं लगाएं। ऐसा करने पर शनि प्रबल होता है। अशुभ भाव में बैठे रहने पर उसी तरह का प्रभाव देता है। इसलिए कहा गया कि ज्योतिषीय उपाय में सावधानी बरतें।

साभार : पंडित प्रवीण गोविंद

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