प्रेरक प्रसंग

    भगवान ने इंसान बनाए, हमने बनाए अलग-अलग धर्म

    भगवान ने इंसान बनाए, हमने बनाए अलग-अलग धर्म

    God made humans we created different religions :  भगवान ने इंसान बनाए और हमने बनाए अलग-अलग धर्म। स्वामी विवेकानंद ने इसकी व्याख्या की है।...
    अक्षय तृतीया तीन मई को

    किसी का अंधानुकरण नहीं करें, सहज और सरल है धर्म

    don't be a blind follower : किसी का अंधानुकरण नहीं करें। धर्म सरल, सहज और सुबोध है। इसमें कोई पेंच नहीं है। पोंगापंथी और...
    हृदय रोग और स्पोंडलाइटिस में लाभदायक योग

    भाग्य को दोष क्यों, आपके हाथ में है सफलता

    भाग्य को दोष क्यों? सफलता आपके हाथ में है। लोग अक्सर भाग्य को कोसते हैं। कहते हैं कि उसी के कारण बार-बार असफलता मिलती...
    मति बदली तो जीवन बदला, अहंकार का हुआ अंत

    मति बदली तो जीवन बदला, अहंकार का हुआ अंत

    end of ego change of life : मति बदली तो जीवन बदला। यह बोध कथा है अहंकार के अंत की। अहंकार किसी का नहीं...
    भक्ति-अध्यात्म की पराकाष्ठा है राधाृ-कृष्ण का निश्च्छल प्रेम

    भक्ति-अध्यात्म की पराकाष्ठा है राधा-कृष्ण का निश्च्छल प्रेम

    Culmination of devotion and spirituality : भक्ति-अध्यात्म की पराकाष्ठा है राधा-कृष्ण का निश्च्छल प्रेम। विद्वानों के बीच हमेशा से मंथन का विषय रहा है।...
    Self Realisation

    समय का महत्व जिसके कायल हुए महायोगी गोरखनाथ भी

    महायोगी गोरखनाथ और संत कबीरदास के कालखंड को लेकर विद्वानों की राय अलग-अलग है। अधिकतर विद्वान गुरु गोरखनाथ को कबीरदास से सदियों पहले का...
    प्याज और लहसुन अमृत समान, फिर व्रत में परहेज क्यों

    लघु बोध कथाएं

    सच्ची प्यास का अर्थ वास्तव में जिन्हें ईश्वर और जीवन में कुछ पाने की तमन्ना होती है, वे वाद-विवाद में नहीं पड़ते पर जिनकी प्यास...
    हमारा जीवन हमारे हाथ, हम जैसा चाहे बना सकते हैं

    सितारा गुल : कर्म बनाता है भाग्य

    प्राचीन मान्यता है कि इंसान को अपने कर्मों का ही फल भोगना पड़ता है। इसे कहते तो सभी हैं लेकिन भरोसा बहुत कम लोग...

    प्रेरक प्रसंग : पुनर्जीवन के लिए खुद को मिटाना जरूरी

    विध्वंस का मतलब सब कुछ खत्म हो जाना नहीं होता, वस्तुतः यह पुनर्निर्माण की प्रक्रिया भर है। जब तक पुराना खत्म नहीं होगा, नए...
    प्रेम के भूखे होते हैं भगवान।

    प्रेरक प्रसंग : प्रेम का महत्व

    लीला की समाप्ति के पश्चात बैकुंठ लोक में कृष्ण और राधा अचानक एकदूसरे के सामने आ गए। विचलित से कृष्ण- प्रसन्नचित सी राधा... कृष्ण सकपकाए, राधा मुस्काई इससे पहले...